ट्रेनिंग के बाद बकरी पालन से जुड़ेंगी SHG

मध्यप्रदेश के कटनी जिले में SHG की महिलाओं ने बकरी पालन की ट्रेनिंग ली. ये महिलाएं अब बकरी पालन कर अपने रोजगार को बढ़ाएंगी. ट्रेनिंग में कई तरह के पालन के तरीके और बकरी प्रजातियों को समझाया. यह ट्रेनिंग भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों ने दी. 

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विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव
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ट्रेनिंग के बाद बकरी पालन से जुड़ेंगी SHG

Image : Ravivar Vichar

MP के कटनी (Katni) जिले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (Training Institute) में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले विकासखंड ढीमरखेड़ा के दियागढ़ झीना पिपरिया गांव के स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group) के सदस्यों को आत्मनिर्भर एवं रोजगार लगाने के लिए यह ट्रेनिंग हुई. 

दूसरे प्रांतों में पालन की बताई खासियत 

भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) के प्रबंधक (Manager) पवन कुमार गुप्ता (Pawan Kumar Gupta) के गाइडेंस में  ट्रेनर (Trainer) रामसुख दुबे (Rmasukh Dube) ने SHG महिलाओं को बकरी पालन (Goat Farming) का ट्रेनिंग दी.  यहां बकरी पालन  (Goat Farming) से फायदे, बकरियों की अलग-अलग नस्लों की बकरियों से दूध मांस एवं ऊन उत्पादन लेने के तरीके बताए.

katnai training of goat farming

स्टेट बैंक के अधिकारी समूह में ट्रेनिंग देते हुए (Image Credits: Yash Bharat)  

 
ट्रेनर (Trainer) रामसुख दुबे (Rmasukh Dube) आगे बताया- "हम देख सकते हैं कि दूध देने वाली जमुनापारी सिरोही बरबरी एवं बीटल मांस के लिए ब्लैक बंगाल मेहसाना उस्मानाबादी  के अलावा ऊन उत्पादन के लिए कश्मीरी चांगथांग आदि नस्लों की अपनी खासियत है. हम भी मेहनत करके इस पालन प्रक्रिया से अपना रोजगार खड़ा कर सकते हैं."  

बकरियों में संक्रमक बिमारियों से बचाव जरुरी

इस ट्रेनिंग में खासतौर पर बकरियों में पाए जाने वाले कॉमन टाइप के रोग को लेकर भी समझाया. आखिर कैसे अलर्ट रहना चाहिए.    
इस ट्रेनिंग में पशु चिकित्सक (Veterinary Docter) डॉक्टर आरके सोनी (RK Soni) ने बताया -"बकरियों में जीवाणु जनित रोग न्यू मोनिया जहरीले दस्त, खुरों का रोग, संक्रामक गर्भपात, तिल्ली, ज्वर गलघोंटू, एवं थनैला रोग जैसी कई बीमारियां हो जाती है. ऐसे में समय पर टीकाकरण भी जरुरी है. कई बार बकरियों की मौत हो सकती है." 


बकरी को रखने के लिए बाड़ा, पोषण आहार एवं पेड़ों की पत्तियां, झाड़ियां घास तथा विभिन्न चारा को लेकर भी समझाया.
ट्रेनिंग कोर्डिनेटर सुनील रजक और अनुपम पांडे के साथ राजेश विश्वकर्मा,ओमप्रकाश तिवारी ने ट्रेनिंग में आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की ओर से Self Help Group की महिलाओं को सहयोग दिया.

 

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