बालाघाट (Balaghat) Ajeevika Mission ने नवाचार ने तहत स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) को नए कारोबार से जोड़ने का काम किया. एक सप्ताह में ही संकुल स्तरीय संगठन (CLF) की महिलाएं जिले में नमक (Salt) की सप्लाई शुरू कर देंगी.
30 टन से होगी नमक की शुरुआत
महुआ (Mahua) और मिलेट्स (Millets) प्रोडक्शन की खेती कर अपना नाम कमाने वाली Self Help Group की महिलाएं अब नमक का नया व्यापार करेंगी. SHG की ये महिलाएं इस नए काम से बहुत उत्साहित हैं. शुरुआत में प्रशासन ने 30 टन नमक का ऑर्डर गुजरात को दिया. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) मुकेश कुमार बिसेन (Mukesh Kumar Bisen) ने बताया- "SHG की महिलाओं की कमाई बढ़ाने के लिए गुजरात की निजी कंपनी सेफ्रॉन से कॉन्ट्रेक्ट कर लिया. वह नमक को रॉ फॉर्म में भेजेंगे. इसे यहां शुद्ध तरीके से 'आजीविका साल्ट' (Ajeevika Salt) के ब्रांड से बेचेंगे. कलेक्टर (DM) डा. गिरीश कुमार मिश्रा (Dr.Gierish kumar Mishra) और जिला पंचायत (ZP) सीईओ (CEO) आरएस रणदा (RS Randa)के सहयोग से यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ."
Salt Bowl (Image Credit;Google Images)
आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) बालाघाट (Balaghat) विकासखंड के हीरापुर के संकुल स्तरीय संगठन (CLF) ‘प्रेरणा’ (Prerana) की 24 महिलाएं यह काम करेंगी.
सरकारी संस्थाएं सॉल्ट खरीद कर करेंगी प्रमोट
यह नमक (Salt) गुजरात (Gujrat) के कच्छ (Kachachh) से पहंचेगा. जिला प्रशासन के कहने से यह आजीविका सॉल्ट (Ajeevika Salt) बालाघाट जिले की छह एकलव्य स्कूलों की मेस, शासकीय परिसरों में संचालित सात कैंटीन, स्व सहायता समूहों की किराना दुकानों, ग्राम संगठनों, समूह सदस्यों को बेचेंगे. प्रेरणा संकुल संगठन की अध्यक्ष पुष्पा डोंगरे बताती हैं - "हमें बहुत ख़ुशी है कि नया काम हमें मिला. इसे पैक कर संस्थाओं और जहां से डिमांड आएगी वहां बेचेंगे. हम 24 महिलाओं ने यह सहमति दी."
'प्रेरणा संगठन' को एक टन पर 20 हजार रुपये से अधिक मुनाफा होगा. काम भाव में बढ़िया क्वालिटी का नमक सप्लाई किया जाएगा.