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Image: Ravivar vichar
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स्वयं सहायता समूहों (self help groups in kolkata) के बने उत्पादों और ग्राहकों के बीच दूरी को कम करने के लिए अलग-अलग प्रयास किये जा रहे हैं. इसी लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने अहम फैसला लिया.
CM ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी सरकार स्वयं सहायता समूहों (women led SHG) और मध्यम और लघु उद्योगों द्वारा बने हस्तशिल्प और इसी तरह के उत्पादों को बेहतर मंच प्रदान करने के लिए शॉपिंग मॉल स्थापित कर रही है.
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“हमने पहले ही अपने स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए हेंडीक्राफ्ट और अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए एक मंच तैयार कर लिया है. अब, हम कुछ बड़े शॉपिंग मॉल स्थापित करके इसे और बढ़ावा दे रहे हैं जहां वे अपने उत्पाद बेच सकते हैं. हम हर जिले में एक एक्सपोर्ट जोन शुरू करेंगे,” बनर्जी ने राज्य विधानसभा में कहा.
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उन्होंने कहा कि 2011 तक, राज्य में SHG की कुल संख्या 2.78 लाख थी, जिसमें 28.41 लाख महिलाएं थीं. वर्तमान में यह संख्या 12 लाख हो गई है, जिसमें 1.16 करोड़ महिलाएं शामिल हैं. 2011 से self help group की महिलाओं को वितरित ऋण की कुल राशि 92 हज़ार करोड़ रुपये है.
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स्वयं सहायता समूह एवं स्वरोजगार विभाग के प्रभारी मंत्री बीरबाहा हांसदा ने कहा कि राज्य में लगभग 2 लाख पुरुष SHG (male SHGs formed in kolkata) का गठन किया गया है. बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार पुरुष SHG को समान सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसमें कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है और पुरुष SHGs भी बैंक ऋण पाने के हकदार हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्दियों के महीनों में, कई विभाग राज्य के विभिन्न हिस्सों में मेले आयोजित करते हैं जहां SHG द्वारा बनाए गए उत्पाद हॉटकेक की तरह बिकते हैं.
शॉपिंग मॉल, हर जिले में एक्सपोर्ट ज़ोन, और पुरुष SHGs कोलकाता में चल रही स्वयं सहायता क्रांति को न सिर्फ आगे बढ़ाएंगे, पर समान और सशक्त समाज की नींव भी रखेंगे.
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