भारत में बेटी को देवी का दर्जा दिया जाता है... उसे पूजा जाता है...पैर नहीं छूने दिया जाता... फिर भी ऐसा क्यों है कि भारत में सबस ज़्यादा हिंसा एक बेटी के साथ ही होती है? चाहे gender based violence हो या घरेलु हिंसा, एक लड़की, बेटी और औरत जितना सहती है उतना शायद ही किसी और को देखना पड़ता हो.
Gender inequality से लड़ने के लिए भारतीय सरकार की Nayi Chetna-2.0
भारत सरकार women empowerment हो अपनी प्राथमिकता तो बना चुकी है लेकिन इस सत्य को भी जानती है कि देश में महिलाओं को हर रूप से independent बनाने की ज़रूरत है. इसीलिए gender inequality दूर करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘‘Nayi Chetna gender champaign 2.0’’ पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. State Rural Livelihood Mission (BIHAN) द्वारा UNICEF के सहयोग से नवा रायपुर में आयोजित इस कार्यशाला में gender inequality दूर करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई.
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Indian government के ये मंत्रालय हुए शामिल
पुलिस, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास, श्रम तथा वन विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान (SIRD) के अधिकारी भी कार्यशाला में शामिल हुए. ‘BIHAN’ के साथ काम करने वाले NGO's चैतन्य, प्रदान, ट्रिफ और PCI के साथ ही ‘BIHAN’ की दीदियों तथा राज्य व जिला स्तरीय अधिकारियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया.
Gender based violence को ख़त्म करने की ओर बढ़ाया कदम
Gender based violence, domestic violence इत्यादि पर ग्रामीण परिवारों में समझ विकसित करने के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अभियान "Nayi Chetna-2.0’’ प्रारंभ किया गया है. 25 नवम्बर से शुरू हुए इस अभियान का implementation 4 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक छत्तीसगढ़ में भी किया जा रहा है.
Nayi Chetna 2.0 की tagline
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने कहा कि National Rural Livelihood Mission (NRLM) के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए राज्य में अच्छा काम हो रहा है. ‘सहेंगे नहीं, कहेंगे... चुप्पी तोड़ेंगे’ Nayi Chetna gender campaign- 2.0 का tagline है. उन्होंने यह चुप्पी तोड़ने का वक्त है. महिलाओं के विरूद्ध हो रहे दुर्व्यवहार और अपराध को साझा करने का समय है. इनसे ही gender inequalities से जुड़ी समस्याओं का हल निकलेगा.
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Self help groups की महिलाओं का Nayi chetna 2.0 अभियान से जुड़ना ज़रूरी
Self help groups की महिलाओं के इस अभियान से जुड़ने से gender inequality को दूर करने की दिशा में तेजी से काम होगा. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की संचालक श्रीमती पद्मिनी भोई साहू ने कार्यशाला में कहा कि महिलाओं से जुड़े मामलों में उनकी निजता और भावनाओं को भी समझने की जरूरत है. Women SHGs से ऐसी बहुत सी महिलाएं जुड़ती है जो घरुल हिंसा का सामना कर चुकी है.
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इस परेशानी से लड़कर ये महिलाएं सामने आती है. इसीलिए SHGs की महिलाओं को nayi chetna gender campaign 2.0 से जुड़ना चाहिए ताकि वे पीड़ित महिलाओं को समझ सकें और उन्हें समस्या से बाहर निकल सकें. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जेंडर रिसोर्स सेंटर gender inequality को दूर करने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं.
Gender based violence को ख़त्म करने की ली शपत
कार्यशाला में अतिथियों ने जेंडर रिसार्स सेंटर मार्गदर्शिका का विमोचन किया. कार्यशाला में अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने gender based violence के खिलाफ आवाज उठाने तथा महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने एवं उनका सहयोग करने की शपथ भी ली. कार्यशाला में gender based violence के मामलों में उपलब्ध कराई जाने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में ‘BIHAN’ की दीदियों को जानकारी दी गई.
यह कार्यक्रम महिलाओं को सुरक्षा देने और सशक्त बनाने के लिए Indian government की एक मज़बूत पहल के रूप में चल रहा है. महिलाएं जब बिना किसी डर के घर में रह सकेंगी और बाहर घूम सकेंगी तभी देश असल मायनों में आज़ाद होगा.