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Image- Ravivar vichar
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महिलाओं को आज हर क्षेत्र में आगे लाने के लिए जितने प्रयास किए जा रहे है वह सराहनीय है. इन प्रयासो से महिलाओं की स्वतंत्रता में बढ़ोतरी भी देखी जा रही है. लेकिन आज भी ऐसे कई परिवार है जो अपने घर की महिला को ना जाने क्या समझते है. किचन में काम तो हम, परिवार को संभालना तो हम, लेकिन अपनी ज़िंदगी को सवारना चाहे तो रोक दिया जाता है.
मारा जाता है, बंधन लगाए जाते है, बस अपने पंख पसारने से रोकने के लिए. और माहौल ये है कि आज भी हिंदुस्तान के कुछ घरों में घरेलु हिंसा को छोटी सी बात माना जाता है कि report करना भी ज़रूरी नहीं समझते परिवार वाले. हालात ये है कि महिलाएं भी इस बारे में किसी को भी बताने से डरती है. NFHS-5 के आंकड़ों के अनुसार, 77% से अधिक महिलाएं (Gender based violence reports) आज भी हिंसा के अपने अनुभव को रिपोर्ट नहीं करतीं.
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बस इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए एक inter-ministerial meeting में जिसमें nine line ministries, (Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission), Ministry of Rural Development की भागीदारी के तहत लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ अपने राष्ट्रीय अभियान के दूसरे वर्ष के लिए 'Nayi Chetna 2.0' की घोषणा की है.
इस बैठक की अध्यक्षता ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव चरणजीत सिंह ने की. ग्रामीण आजीविका की संयुक्त सचिव स्मृति शरण ने एकत्रित प्रतिनिधियों को अभियान से परिचित कराया. इसका आयोजन Gender based violence (GBV) से बचे लोगों के लिए सामूहिक रूप से निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए अभिसरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया था. यह अभियान महिलाओं और स्वयं-सहायता समूहों (self help groups) के बीच जेंडर-आधारित हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएगा और उनके अधिकारों को बढ़ावा भी देगा.
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यह अभियान 25 नवंबर को शुरू किया जाना है जो Elimination of Violence against Women (International day Elimination of Violence against Women) के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस है. यह 23 दिसंबर तक 34 भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मनाया जाएगा. वार्षिक अभियान का नेतृत्व जन आंदोलन या लोगों के आंदोलन की भावना के साथ 9.8 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिला सदस्यों के DAY NRLM के self help groups के नेटवर्क द्वारा किया जाएगा.
नई चेतना अभियान का उद्देश्य महिलाओं और लिंग-विविध व्यक्तियों के अधिकारों को आगे बढ़ाना, भयमुक्त जीवन और लिंग-आधारित भेदभाव और हिंसा को ख़त्म करने को बढ़ावा देना है. अभियान गतिविधियों से SHG के सदस्यों के बीच लिंग आधारित हिंसा (GBV) पर जागरूकता बढ़ेगी और GBV रिपोर्टिंग को बढ़ावा मिलेगा. यह उन social norms को भी संबोधित करेगा जो हिंसा के ऐसे रूपों को accept करते हैं जिनके कारण ये चीज़ें ज़्यादा मज़बूती पकड़ती है.
विभिन्न मंत्रालयों इस अभियान के लिए अपनी रुचि साझा की और प्रदान किए जा सकने वाले समर्थन के विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रकाश डाला. इस पहल से violence से बचे लोगों के लिए बोलने, समर्थन और न्याय पाने के लिए अनुकूल माहौल बनाने में काफी मदद मिलेगी. भाग लेने वाले मंत्रालयों में Panchayati Raj, Women and child development, Home Affairs, Law and Justice, Information and Broadcasting, Youth Affairs and Sports, Education and Literacy, Social Justice and Empowerment के साथ Health and Family Welfare शामिल थे.
यह अभियान GBV को संबोधित करने के लिए DAY-NRLM के चल रहे प्रोग्रामेटिक प्रयासों की सराहना भी करेगा. महिलाओं की निर्णय लेने की क्षमता और एजेंसी को बढ़ाने वाली कई लक्षित गतिविधियों के अलावा, DAY NRLM ब्लॉक स्तर पर Gender Resource Centres (GRC) स्थापित कर रहा है जो समुदाय प्रबंधित मंच प्रदान करने के लिए हैं. अब तक देश भर में 3000 से अधिक GRC स्थापित किए जा चुके हैं. यह पहल एक बहुत बड़ा कदम साबित होगी उन महिलाओं के लिए जो शायद समाज के दर के कारण अपने उअप्र हो रहे अत्याचारों के बारे में किसी को बात भी नहीं पाती.