सरकार महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने के लिए और आर्थिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार उन्हें loans भी देती है जिसमें तमिलनाडु सरकार ने एक बड़ा milestone तय किया है.
तमिलनाडु सरकार ने self help groups को 10.44 हज़ार का लोन दिया
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 6 महीनों में स्वयं सहायता समूहों के जरिए लोगों को करीब 10.44 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई. सत्ता में आने के बाद डीएमके सरकार और खासकर उदयनिधि स्टालिन महिला स्वयं सहायता समूहों (tamilnadu self help groups) को अधिक महत्व दे रहे हैं. उदयनिधि स्टालिन ने (Women self help groups) महिला स्वयं सहायता समूहों से संबंधित कई कार्यक्रमों में भाग लिया है जैसे ऑटो ड्राइविंग प्रशिक्षण, खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण सहायता प्रदान करना आदि.
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डीएमके सरकार के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों को 24.712 करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिए गए हैं. साथ ही सरकार ने वित्त वर्ष 2023-2024 में 30,000 करोड़ रुपये कर्ज देने का लक्ष्य रखा है. एक स्वयं सहायता समूह के मुखिया को औसतन 5.70 लाख रुपये ऋण के रूप में दिये जाते हैं. इस हिसाब से पिछले 6 महीने में ही 10.44 हजार करोड़ की लोन सहायता दी जा चुकी है, जिसमें से 19,560 करोड़ की मंजूरी अभी भी लंबित है.
तमिलनाडु में बना था सबसे पहला self help group
तमिलनाडु (tamilnadu news hindi) भारत का अग्रणी राज्य है जहां पहली बार 1989 में, पूर्व सीएम करुणानिधि के शासनकाल के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि के साथ महिला विकास कार्यक्रम के माध्यम से धर्मपुरी जिले में स्वयं सहायता समूह शुरू किए गए थे. धर्मपुरी जिले में शुरुआत के बाद, सेलम, रामनाथपुरम, विलुप्पुरम, मदुरै आदि में स्वयं सहायता समूह बनाए गए.
स्वयं सहायता समूहों (Women SHGs) को दी जाने वाली ऋण सहायता के बारे में अधिकारी ने कहा, "सरकार ने स्वयं सहायता समूहों को ऋण सहायता के रूप में 30,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. जब कोई समूह ऋण लेता है और 7% से अधिक ब्याज देता है, तो अतिरिक्त राशि समूह द्वारा भुगतान किया गया भुगतान समूह को ही वापस कर दिया जाता है. मूल राशि के पुनर्भुगतान के बाद, वास्तविक ब्याज की भी गणना की जाती है और समूह को वापस कर दिया जाता है."
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ऋण सहायता से संबंधित आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से सितंबर महीने के बीच अकेले चेन्नई में 3849 स्वयं सहायता समूह हैं. सरकार द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों को अब तक 21,361.42 लाख रुपये वितरित किये जा चुके हैं. चेन्नई में कुल निजी एनजीओ आधारित स्वयं सहायता समूह 7306 हैं और अब तक उन्हें ऋण सहायता के रूप में 34403.71 लाख रुपये वितरित किए गए हैं.
Self help groups की महिलाओं को support करने में तमिलनाडु अग्रणी
तमिलनाडु सरकार (tamilnadu shgs) बैंकों के सहयोग से स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. योजना को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि बाद के चरणों में ऋण राशि प्रदान की जाए और बढ़ाई जाए, पहली किस्त में 1 से 1.5 लाख, दूसरी किस्त में 3 से 5 लाख आदि.
चेन्नई जिला महिला कार्यक्रम के निदेशक श्रीनिवासन ने कहा, "2021-22 में 2761 स्वयं सहायता समूहों को 99.6 करोड़ रुपये दिए गए हैं, 2022-23 में 5670 समूहों को 252 करोड़ दिए गए हैं. 10,000 स्वयं सहायता समूहों को ऋण प्रदान करने का लक्ष्य है." सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में समूह निर्धारित किये गये हैं. ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, स्टालिन ने 1.75 लाख नए महिला स्वयं सहायता समूहों की स्थापना की.