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स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (women self help groups) को कार्य प्रजाति से जोड़ने के लिए तमिलनाडु सरकार (Tamilnadu news in hindi) का या फैसला छोटा ही सही लेकिन सराहनीय कदम साबित होगा.
ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में उठे इस कदम में तमिलनाडु सरकार (tamilnadu government) ने मंगलवार को पांच जिलों में स्वयं सहायता समूहों (Self help groups) द्वारा हरा चारा जुटाने के लिए 2.33 करोड़ रुपये की मंजूरी देने का आदेश जारी किया. परियोजना का उद्देश्य SHGs को रोजगार प्रदान करना है. पशुपालन विभाग (animal husbandry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य में पशुधन की संख्या में वृद्धि के साथ, चारे की आवश्यकता भी बढ़ रही है.
बढ़ती चारे की मांग को पूरा करने के उद्देश्य से विभाग पांच जिलों में 5 एकड़ meikkal land की पहचान करेगा, जिसे चारा उगाने के लिए SHGs को दिया जाएगा. विभाग ने कंबु नेपियर हाइब्रिड चारे को उपयुक्त करार दिया गया है.
अधिकारी के मुताबिक- "यह परियोजना राज्य के कोयंबटूर, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, तिरुवन्नमलाई और सलेम जिलों में परीक्षण के आधार पर लागू की जाएगी. इस परियोजना को सिंचित चारा योजना कहा जाता है, जिससे प्रति वर्ष 120 से 140 टन चारा पैदा होगा."
यह fodder की किस्म SHG महिलाओं द्वारा उगाई जाएगी जिसकी फसल, लगाने के 90वे दिन काटा जाएगा इस कटाई के बाद हर 45वे दिन fodder कटा जाएगा. Fodder की यह किस्म तीन सालों तक सही रहती है बल्कि बाकी variety एक साल में ही ख़राब हो जाती है. कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर SHG की महिलाओं द्वारा चारा उपलब्ध कराना है. अधिकारी ने कहा, इससे सूखे की स्थिति के दौरान पशुपालकों को भी मदद मिलेगी. यह पहल पशुओं के लिए फायदेमंद होने के साथ ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वावलम्बन का रास्त तैयार करने में बहुत बड़ी पहल साबित होगी.