देश में महिलाओं के हालातों को बदलने के लिए सरकार तेज़ी से काम कर रही है. नई परियोजनाएं और प्लान्स आए दिन लाती है राज्य और केंद्र सरकार. इसी कड़ी में तमिलनाडु सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को धर्मपुरी जिले के थोप्पुर में कलैगनार महलिर उरीमाई महिला सहायता योजना के लिए पंजीकरण का उद्घाटन किया.
कलैग्नार महलिर उरीमाई योजना से होंगी तमिलनाडु की महिलाएं आर्थिक सशक्त
थोप्पुर बाजार मैदान में बैठक में मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा- "योजना के लिए पंजीकरण का उद्घाटन धर्मपुरी जिले में किया गया था. महिला स्वयं सहायता समूह योजना का उद्घाटन करुणानिधि ने इसी जिले में किया था. तमिलनाडु में 4.57 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) हैं और अकेले धर्मपुरी जिले में लगभग 3.5 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हुईं." राज्यभर में 39,929 स्थानों पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे.
सरकार ने इस योजना के तहत 283 करोड़ रुपये का खर्च किया और यह वादा किया कि योजना बेहद लाभकारी साबित होगी. कलैग्नार महलिर उरीमाई योजना 15 सितंबर से शुरू की जाएगी. यह योजना परिवारों की महिला मुखिया को मासिक सहायता के रूप में 1000 रुपये प्रदान करती है. इस योजना का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कलैग्नार करुणानिधि के नाम पर रखा गया है जो कि एम के स्टालिन के पिता है. यह योजना उन महिलाओं के लिए है जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, पारिवारिक भूमि जोत 5 एकड़ से 10 एकड़ शुष्कभूमि से ज़्यादा नहीं और वार्षिक बिजली खपत 3600 यूनिट से कम है.
तमिलनाडु की सरकार द्वारा शुरू की गयी यह योजना महिलाओं जे लिए एक बहुत बड़ी पहल साबित होगी, और Self Help Group की महिलाएं राज्य में स्वावलंबन और सशक्तिकरण की और बढ़ेंगी. इस तरह का कदम हर राज्य को उठाना चाहिए ताकि देश तेज़ी से आगे बढ़े.