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Image Credits: Wikipedia
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महिलाएं जब हर क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी, चाहे फिर वो education हो, या business हो, तभी देश कि तरक्की और विकास निश्चित है. यह बात भारत की सरकार से लेकर, आम आदमियों को भी समझ आ चुकी है. देश का आर्थिक विकास महिलाओं के कंधों पर आ चुका है और ये महिलाएं देश को तेज़ी से आगे भी ले जा रहीं है.
स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाकर देश की 10 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं अपनी ज़िंदगियों और भविष्य को सवार रहीं है. इन्ही महिलाओं को और साक्षर बनाने के लिए पालघर, महाराष्ट्र के एक तकनीकी विशेषज्ञ (Technical Expert) वेंकट अय्यर ने कुछ महिलाओं को Self Help Group बनाकर अपनी आजीविका तैयार करने और खुद को सशक्त बनाने की लिए प्रोत्साहित किया.
Image Credits: Sankalpa Rural Development Society
यह समूह पापड़, अचार, तिलगुल और करंजी जैसे घर का बना सामान बनाती और बेचती है. वेंकट अय्यर ने उनके लिए एक एंड्रॉइड मोबाइल (Android Mobile) भी खरीदा और उत्पादों की मार्केटिंग में मदद करने के लिए एक व्हाट्सएप खाता भी खोल कर दिया. वेंकट को समझ आया कि इन महिलाओं को अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए इंग्लिश सीखने की भी ज़रूरत पड़ेगी.
पहले वेंकट ने अंग्रेजी के टीचर्स को पढ़ाने के लिए बोला, लेकिन कोई भी गांव आकर महिलाओं को पढ़ाने के लिए तैयार नहीं था. फिर उन्हें एक टीचर ललित चावला मिले, जिन्होंने इस अवसर पर कदम बढ़ाया और SHG प्रतिभागियों के लिए एक एनजीओ स्टेप अप इंडिया से बेसिक अंग्रेजी किताबें खरीदीं. इन किताबों में ऑडियो क्लिप से जुड़े क्यूआर कोड हैं.
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अय्यर इन महिलाओं को फ्री में यह कोर्स पढ़ा रहे है और उन्हें साक्षर बनाने की ओर एक बहुत ही नेक कदम उठा रहें है. स्वयं सहायता समूह की सदस्य बबीता देसाई ने कहा- “हम सभी उत्साहित हैं. इस उम्र में एक नई भाषा सीखने में कोई आपत्ति नहीं है. यह निश्चित रूप से हमारे व्यवसाय और व्यक्तिगत जीवन में मदद करेगा.” अगर देश का हर टीचर यह ठान ले की इन महिलाओं को हर तरीके से आगे बढ़ने के लिए वे कदम उठाएंगे तो बदलाव की तेज़ी दुगुनी हो जाएगी.