तेलंगाना देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में से एक है. तेलंगाना में देश की सबसे ज़्यादा काम करने वाली महिलाओं की पॉप्युलेशन रहती है. सरकार इन महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में नए आयाम तय करने के लिए ऐसी परियोजनाएं और ट्रेनिंग कैम्प्स भी चलाती है, जिससे बचपन से ही उनकी बेटियां खुद को बढ़ाने के लिए हर रिसोर्स तो अपना पाए और इससे जुड़ी बातों को सीख सकें.
तेलंगाना की महिलाएं दे रही बालिका सशक्तिकरण को महत्व
तेलंगाना बालिका सशक्तिकरण के लिए एक इंडिकेटर के रूप में पूरे देश के सामने खड़ा है. महिला संगठनों को काम करना और साथ ही गरीबी दूर करने के तरीकों को पूरे देश में सिखाया जा रहा है. स्वयं सहायता समूह (SHG) की कुछ महिलाएं अपने अनुभवों को पाठ के रूप में सीखा रहीं हैं. ओरुगल्लू महिला समाख्या सभी राज्यों में जाकर Self Help Group बना रही है.
लद्दाख जाकर कही तड़का चाटी
हाल ही में इस समूह की महिलाएं लद्दाख गईं और उन्होंने वहां तेलंगाना तड़ाखा चाटी कहा. United Warangal जिले के वर्तमान Hanumakonda जिले के Dharmasagar Mandal में concept of cooperation को समझाया गया था. इसमें गीसुगोंडा, नेक्कोंडा, वर्धन्नापेट, नरसम्पेटा, धर्मसागर, वेलेरु, ऐनावोलु, थोर्रुरु, लिंगला गानापुर, रघुनाथपल्ली मंडल महासंघ शामिल हैं. उसके बाद, वारंगल, करीमनगर, आदिलाबाद और मेडक के संयुक्त जिलों की महिलाएं भी सदस्य के रूप में शामिल हुईं.
426 गांवों में कुल 10,494 महिला SHGs समितियां ओरुगल्लू महा समाख्या का हिस्सा बन गई हैं. इन सभी समितियों का गठन बच्चों की स्कूल फीस, किताबी खर्च और पारिवारिक कृषि निवेश के बोझ को खत्म करने के उद्देश्य से किया गया है. मण्डल की प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समिति की हर सप्ताह एक बैठक सुनिश्चित किये जाने का प्रावधान भी किया गया है. सरकार तेलंगाना राज्य की महिला को देश में सबसे आगे बढ़ाने का सपना देख चुकी है, और उस राह पर तेज़ी से काम कर रहे है. बाकी राज्यों को भी महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग देने की दिशा में आगे बढ़ते हुए उन्हें अपने राज्य की पहचान बनाना चाहिए.