फ़ूड वेस्ट (food waste) की समस्या कम होने की जगह बढ़ रही है. इस परेशानी को कम करने की कोशिश कर रही है तेलंगाना (Telangana) से मां-बेटी की जोड़ी. वह ग्रामीण महिलाओं (rural women) को सशक्त बनाते हुए भोजन की बर्बादी के खिलाफ अभियान चला रही है. ग्रामीण तेलंगाना के सूर्यापेट जिले के थोंडा गांव में जन्मी और पली-बढ़ी कीर्ति प्रिया (Keerthi Priya) का बचपन खेतों के बीच बीता, जिसने उन्हें सचमुच अपनी जड़ों से जोड़े रखा. कीर्ति ने खेती के बाद बड़े पैमाने पर फसल की बर्बादी होते देखा. वर्षों बाद, उन्होंने अपनी मां ओडापल्ली विजया लक्ष्मी (Odapalli Vijaya Laxmi) के साथ अपने स्टार्टअप नर्चर फील्ड्स (Nurture Fields) के ज़रिये इस समस्या का समाधान ढूंढा.
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बिट्स-पिलानी से बीफार्मा और आईआईएम कलकत्ता से एमबीए पूरा करने के बाद, कीर्ति ने इंडस्ट्री का अनुभव हासिल करने के लिए मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में कई कंपनियों में काम किया. "बेंगलुरु में जॉब के दौरान, मेरी मां पौष्टिक खाना पकाने को आसान बनाने के लिए मुझे टमाटर जैसी धूप में सुखाई हुई सब्ज़ियां भेजती थीं." इस विचार ने कीर्ति को धूप में सुखाए गए फलों और सब्जियों के फायदों के बारे में और जानने के लिए प्रेरित किया.
कीर्ति ने अपनी मां विजया लक्ष्मी के साथ शुरू किया नर्चर फील्ड्स
भारत में फसल कटाई के बाद 13 अरब डॉलर का भोजन बर्बाद हो जाता है. इस समस्या को दूर करने के लिए मां बेटी ने 2018 में नर्चर फील्ड्स की शुरुआत की. उनका लक्ष्य छोटे किसानों के साथ मिलकर भोजन की बर्बादी को कम करना है. नर्चर फील्ड्स आम, चीकू, पपीता, पालक, गोंगुरा, टमाटर, पत्तागोभी जैसे निर्जलित या डीहाइड्रेटेड सब्जियों और फलों (dehydrated vegetables and fruits) की रेंज देता है. यह सूप मिक्स, जूस मिक्स, करी मिक्स जैसे रेडी-टू-ईट (ready to eat) और रेडी-टू-कुक (ready to cook) एफएमसीजी उत्पाद (FMCG Products) भी बना रहे है.
नर्चर फील्ड्स से मिला ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार
नर्चर फील्ड्स थोंडा के पास पांच गांवों के किसानों से अलग-अलग तरह के खाद्य उत्पाद/फसलें खरीदते हैं और फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए 30 महिलाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार दे रहे हैं. कंपनी ऑफ़लाइन और ऑनलाइन चैनलों के ज़रिये देश भर में बी2बी और बी2सी दोनों ग्राहकों को प्रोडक्ट्स बेचती है. सन ड्राईंग (sun drying) से शेल्फ लाइफ (shelf life) को बढ़ाकर भोजन की बर्बादी को कम किया जाता है. संरक्षण के इस तरीके से किसानों और परिवारों को भविष्य में इस्तेमाल या बिक्री के लिए फलों, सब्जियों और अनाज को बचाने का मौका मिलता है. धूप में सुखाने से पोषण मूल्य भी बरकरार रहता है. यह तरीका भोजन की बर्बादी को कम करता है और सस्टेनेबल खाद्य प्रथाओं (sustainable food practices) का समर्थन करता है.
ऐसे कई और स्टार्टअप्स ट्रेडिशनल बिज़नेस तरीकों में बदलाव लाने के साथ ग्रीन और क्लीन भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं. रविवार विचार ऐसे सस्टेनेबल स्टार्टअप्स की जानकारी साझा करता रहेगा.