देश की महिलाओं को आगे बढ़ा कर ही समाज का विकास निश्चित है और ये बात राज्य से लेकर केंद्र सरकार, सबको समझ आ चुकी है और सरकार हर संभव प्रयास कर रही है महिलाओं को आगे बढ़ाकर देश को तरक्की की रह पर अग्रसर करने का.
कुदुंबश्री का महिला सशक्तिकरण का प्रयास
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तिरुवनंतपुरम में केरला राज्य सरकार (Kerela news hindi) ने ग्रामीण और गरीब महिलाओं सशक्तिकरण के अंतर्गत हो रहे कार्यक्रम में बहुत बड़ा कदम उठाया है. भारत के पहले SHG kudumbashree के साथ मिलकर वहां के सदस्यों को शैक्षिक प्रणाली में फिर से शामिल करने के उद्देश्य से अब तक का सबसे extensive training campaign शुरू किया है.इसका नाम "थिरिके स्कूलील" रखा गया है.
केरला कुदुंबश्री के साथ आगे बढ़ रही पहल
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यह 1 अक्टूबर को शुरू हुआ, जिसमें 10 दिसंबर तक 46 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह (self help group kerela) के सदस्यों को शैक्षिक गतिविधियों में शामिल करने की योजना बनाई गयी है. यह अभियान कुदुम्बश्री की three-tier structure को मज़बूत करने और इसके सदस्यों को बदलती परिस्थितियों के अनुरूप ढलने के लिए शुरू किया गया है. इसके पहले दिन, राज्य भर में लगभग 4 लाख कुदुम्बश्री सदस्यों ने भाग लिया.
SHG महिलाओं को साक्षर बनाने की पहल
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सामान्य शिक्षा विभाग के सहयोग से, इस अभियान में SHG सदस्य (women empowerment in india) विभिन्न विषयों पर कक्षा सत्रों के लिए अपने संबंधित सामुदायिक विकास समितियों के तहत स्कूलों में भाग ले रहे है. इस पहल के लिए राज्य के 2,000 से अधिक स्कूलों को नामित किया गया है. ये कक्षा सत्र सार्वजनिक छुट्टियों पर सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक निर्धारित होते हैं जब स्कूल नियमित कक्षाएं आयोजित नहीं कर रहे होते हैं.
दिन की शुरुआत सुबह 9:30 बजे 15 मिनट की सभा से होती है, जिसमें कुदुम्बश्री गान का गायन होता है। पाठ्यक्रम में कई विषयों को शामिल किया गया है, जिनमें Organizational Strength Experience Lessons, Mathematics in Neighborhood Group Vibrancy, Community-Life Security, और Livelihood Ideas and Projects in the Digital Age शामिल हैं. कहते है सीखने की कोई उम्र नहीं होती और इन महिलाओं ने स्कूलों में दाखिला लेकर ये साबित कर दिया है. शिक्षित महिलाओं देश को बदलने की ताकत रखती है और वे यह बात हर क्षेत्र में साबित भी कर रही है.