"आंगनवाड़ी केन्द्रो पर SHG महिलाएं पहुचाएंगी पौष्टिक भोजन" CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम घोषणा की. राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों में पौष्टिक भोजन के वितरण के लिए नया तरीका अपनाया जायेगा, जहां महिला स्वयं सहायता समूहों को भोजन वितरित करने की ज़िम्मेदारी दी जाएगी.

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मिस्बाह
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बच्चों के समग्र विकास में पोषण (nutrition) अहम भूमिका निभाता है. इसके लिए सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों के ज़रिये बच्चों तक पौष्टिक भोजन पंहुचा रही है. 

UP CM आदित्यनाथ ने SHG महिलाओं को सौंपी अहम ज़िम्मेदारी 

बच्चों के विकास (child development) को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने अहम घोषणा की. राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों (Anganwadi centres in UP) में पौष्टिक भोजन के वितरण के लिए नया तरीका अपनाया जायेगा, जहां महिला स्वयं सहायता समूहों (self help groups) को भोजन वितरित (food distribution) करने की ज़िम्मेदारी दी जाएगी.

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आदित्यनाथ (Adityanath) ने कई नए आंगनवाड़ी केंद्रों और बाल विकास परियोजना कार्यालयों (child development project offices) का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. उन्होंने एन्सेफलाइटिस उन्मूलन (eradicate encephalitis) और पोषण में सुधार के लिए सरकार ने कई नए प्रयासों की शुरुआत की. 

₹155 करोड़ की लागत से 1,359 आंगनवाड़ी केंद्रों का किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “एक समय था जब शराब माफिया उत्तर प्रदेश में ‘पौष्टिक भोजन’ की आपूर्ति करते थे. हमारी सरकार ने एक नया तंत्र बनाया है जिसके ज़रिये महिला स्वयं सहायता समूह अब आंगनवाड़ी केंद्रों तक पौष्टिक भोजन पहुंचा रहे हैं.”

मुख्यमंत्री योगी ने ₹155 करोड़ की लागत से 1,359 आंगनवाड़ी केंद्रों (Anganwadi centres) का उद्घाटन/शिलान्यास किया. 50 करोड़ की लागत से बनने वाले 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों की आधारशिला भी रखी गई. सीएम ने 2.90 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi workers) और सहायिकाओं को वर्दी (साड़ी) के लिए डीबीटी के ज़रिये ₹29 करोड़ की राशि दी.

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इस पहल से पूरे देश में किये जा रहे कुपोषण (fighting malnutrition in UP) ख़त्म करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

एनीमिया में आया 5.1 प्रतिशत सुधार

मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने बताया कि एक समय था जब राज्य में इंसेफेलाइटिस (encephalitis) की वजह से सालाना लगभग 1,200-1,500 मौतें होती थीं. उन्होंने आगे कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विशेष रूप से इस बीमारी से प्रभावित था और 1977 से 2017 तक राज्य में लगभग 50,000 बच्चे इसकी चपेट में आए.

सीएम ने कहा कि 2015-2016 और 2019-2020 के बीच एनीमिया (anaemia) में 5.1 प्रतिशत सुधार, बौनापन (dwarfism) में 6.6 प्रतिशत सुधार, कम वजन (underweight) में 7.4 प्रतिशत सुधार और सूखापन में 0.6 प्रतिशत सुधार हुआ है.

उन्होंने यह भी कहा कि यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि माताओं और बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलना शुरू हो गया. उन्होंने कहा, "सरकार स्वस्थ बालक-बालिकाओं के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों, न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित करेगी."

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वर्ष 2047 तक देश को स्वस्थ, शिक्षित और सक्षम बनाने का है लक्ष्य 

सीएम ने कहा, “भारत की आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक हमें अपने देश को स्वस्थ, शिक्षित और सक्षम बनाना होगा.” उन्होंने कुछ गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म के दौरान उन्हें दवाइयां और पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपहार में दिए.

योगी ने शिशुओं को हलवा खिलाकर उनका 'अन्नप्राशन संस्कार' (Annaprashan Sanskar) भी किया. उन्होंने 'संभव' अभियान (Sambhav campaign) के तहत कुपोषित श्रेणी के परिवारों से सुपोषित श्रेणी में आये तीन बच्चों के माता-पिता को सम्मानित किया. योगी ने प्रशंसा के प्रतीक के रूप में चार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वर्दी के रूप में दो-दो साड़ियां उपहार में दीं.

इन प्रयासों के ज़रिये कुपोषण से लड़ने और गर्भवती महिलाओं और बच्चों तक स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को पहुंचाने में मदद मिलेगी.

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