गन्ने के पौधों से UP SHG की ज़िंदगी मीठी

पहल के तहत जिले में 88 महिला स्वयं सहायता समूहों को गन्ने की पौध तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महिलाओं को प्रति पौध सरकार 1.50 रुपये देगी. इससे self help group की महिलाओं की लाखों रुपये की कमाई हो सकती है.

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रिसिका जोशी
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अगर थोड़ा सा मीठा ना हो तो फीकी हो जाती है ज़िंदगी! शक्कर और गुड़ से बनी मिठाइयां...नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है ना. बस इसी मिठास को हर महिला के जीवन में घोलने का फैसला कर लिया है देश की सरकार ने. महिला सशक्तिकरण की नींव और मज़बूत बनाने के लिए बुंदेलशहर उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar pradesh news) ने एक मिठास से भरा फैसला लिया है.

गन्ने की पौध उगाकर महिलाएं कमा रहीं आजीविका

इसी पहल के तहत जिले में 88 महिला SHG को गन्ने की पौध तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. महिलाओं को प्रति पौध सरकार 1.50 रुपये देगी. इससे self help group की महिलाओं की लाखों रुपये की कमाई हो सकती है. जिले में चार चीनी मिलें है. इनमें अनूपशहर, अनामिका, साबितगढ़ और वेव शुगर मिल शामिल है. इन सभी मिलों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में SHG का चयन गन्ने की पौध तैयार करने के लिए किया गया है.

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गन्ने की पौध तैयार करने में कोई लागत नहीं आएगी क्योंकि महिलाएं अपने ही खेतों में पौध तैयार कर सकती है. जिनके पास खेत नहीं है, उन महिलाओं को गन्ना विभाग की ओर जगह उपलब्ध कराइ जाएगी. पौध तैयार करने के लिए सीड ट्रेड कटर भी उपलब्ध करवाया जाएगा. इस पौधों का निरिक्षण भी सरकार हमेशा करती रहेगी. 88 समूह से जुड़ी 500 से अधिक महिलाएं गन्ने की पौध तैयार करने की तैयारी शुरू भी कर चुकीं है. महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए भल ही ये पहल छोटी लग रही हो, लेकिन महिला सशक्तिकरण के लिए यह आने वाले टाइम में बहुत बड़ी साबित होगी.

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