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![Women entrepreneurs got 69 percent loans under PMMY and 84 percent under SUPI](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/9ysMMO75VoRauDfVfC0E.jpg)
Image: Ravivar vichar
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Microcredit के ज़रिये ग्रामीण महिलाओं को अपने उद्यम शुरू कर, गृहस्थी की चार दीवारी के परे अपनी पहचान बनाने का अवसर मिल रहा है. सरकारी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड-अप इंडिया, महिलाओं के उद्यमों का समर्थन कर रहे हैं. हाल ही में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने लोकसभा में इन योजनाओं से जुड़े आंकड़े साझा किए.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana - PMMY) के तहत 24.11.2023 तक स्वीकार किए गए कुल 44.46 करोड़ ऋणों में से 30.64 करोड़, मतलब 69 % महिलाओं को दिए गए हैं. इसके अलावा, स्टैंड-अप इंडिया (SUPI) के तहत, 24.11.2023 तक स्वीकृत 2.09 लाख ऋणों में से 1.77 लाख, जो कि 84 % है, महिला उद्यमियों को दिए गए.
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ये आंकड़े बताते हैं कि ऋण तक महिलाओं की पहुंच बेहतर हुई है. ये इस बात का सबूत है कि ज़्यादा से ज़्यादा महिलाएं आर्थिक आज़ादी हासिल कर रही हैं. इस वजह से समाज के विभिन्न वर्गों का सामाजिक-आर्थिक विकास संभव हुआ है.
बिना कुछ गिरवी रखे,लघु/सूक्ष्म उद्यमों को आय सृजन गतिविधियों के लिए संस्थागत ऋण देने के लिए साल 2015 में PMMY शुरू की गई थी. महिलाओं और SC/ST के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन फील्ड उद्यमों को बढ़ावा देते हुए वर्ष 2016 में SUPI योजना शुरू की गई.
इन योजनाओं का लक्ष्य महिलाओं की आर्थिक आज़ादी को बढ़ावा देकर महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को पूरा करना है. PMMY के ज़रिये मिलने वाले सूक्ष्म ऋण ने महिला उद्यमिता (Female Entrepreneurs) को प्रोत्साहित कर उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया.
इन दोनों योजनाओं के अलावा वित्त मंत्रालय द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर कई और योजनाएं भी लागू की गई हैं. PM स्वनिधि योजना को 1 जून, 2020 से स्ट्रीट वेंडरों को बिना कुछ गिरवी रखे तीन किश्तों, यानी पहली किश्त में 10 हज़ार रुपये तक, दूसरी किश्त में 20 हज़ार रुपये तक, तीसरी किश्त में 50 हज़ार रुपये तक ऋण देने के लिए लॉन्च किया गया था.
PM विश्वकर्मा को 17 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया, जिसका लक्ष्य 18 चुने गए शिल्पों में पारंपरिक कलाकारों और शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण, बिना कोलेट्रल के ऋण, आधुनिक उपकरण तक पहुंच, बाजार लिंकेज समर्थन और डिजिटल लेनदेन के लिए सहायता करना है.
स्वयं सहायता समूह-बैंक लिंकेज कार्यक्रम (SHG-BLP) ने बचत करने, उधार लेने और सामाजिक पूंजी बनाने में महिलाओं का समर्थन कर उनके जीवन को बेहतर बनाया है. NABARD का सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम (MEDPs) ज़रूरी कौशल विकास कार्यक्रमों (MEDPs) से जोड़ता है.
2015 में शुरू हुआ आजीविका और उद्यम विकास कार्यक्रम (LEDP) स्वयं सहायता समूहों के बीच कृषि और गैर कृषि गतिविधियों में आजीविका को बढ़ावा देता है और कौशल निर्माण, प्रशिक्षण, बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज, मूल्य श्रृंखला प्रबंधन, एंड-टू-एंड सॉल्यूशन और मार्गदर्शन जैसी सेवाओं में भी सहायता करता है.
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), 2014 में बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी. यह योजना निःशुल्क और न्यूनतम शेष राशि रखने की ज़रुरत के बिना बैंक खाता खोलने की सुविधा देता है. जन धन खाते खोलने से समाज के असंगठित वर्गों के बीच सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को पहुंचाने में मदद मिली है.
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महिलाओं की उद्यमिता को प्रोत्साहित करने में इन योजनाओं ने ख़ास भूमिका निभाई. आर्थिक आज़ादी हासिल कर महिलाएं निर्णय लेने, अपने भविष्य को सुरक्षित करने, और समाज में अपनी पहचान बनाने के सक्षम बनी हैं.