इतिहास जवाह है कि जब जब बदलाव की बात की गई है उसमें सबसे बड़ा हिस्सा किसी न किसी रूप में महिलाओं का ही रहा है. कारण चाहे कोई भी हो जब तक महिलाओं को आगे नहीं लाया जाएगा उन्नति और तरक्की का रास्ता तय करना बेहद मुश्किल होगा. भारत सरकार भी इस बात को पूरी तरह से समझने में कामियाब रही है और हर समय अपने प्रयासों से भारत की हर महिला को सशख्त करने और आगे बढ़ाने में सफल कार्य करती रही है.
1 billion से ज़्यादा की जनगणना वाला देश है भारत, जिसमें से आधी संख्या महिलाओं की है. लेकिन फिर भी अगर हम women empowerment की बात करें तो आज भी लोगों का रवैया अजीब होता है. शहरों में फिर भी यह ठीक है लेकिन ग्रामीण भारत में जो स्तिथि है वह काफी ख़राब है.
इसीलिए हर राज्य की सरकार अपनी ग्रामीण महिला जनता को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. जो लोग महिलाओं की शक्ति पर संदेह करते है उन्हें इन ग्रामीण क्षेत्र की असल कहानियां सुनकर अपनी विचारधारा बदलने की ज़रूरत है. भारत की तीन सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, और राजस्थान में तो यह बदलाव जिस गति से हो रहा है वह देखने योग्य है. महिलाओं को ऋण देकर उनके व्यापर को बढ़ावा देने का हरसंभव प्रयास कर रही है सरकार.
National Rural Livelihood Mission ने शुरू किया Women entrepreneur financial empowerment program
National Rural Livelihood Mission (NRLM) ने इन राज्यों के 16 जिलों में महिला उद्यमियों को ऋण तक पहुंच प्रदान करने के लिए तीन राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में Women Entrepreneur Financial Empowerment Program (WEFEP) का संचालन किया है. 10,000 से अधिक Rural Women entrepreneurs को कवर करने के लिए इस कार्यक्रम को देश के हर राज्य में शुरू करने का लक्ष्य है सरकार का. यह कार्यक्रम inclusive economic development के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालता है जैसे महिलाएँ, उद्यमिता, ग्रामीण, ऋण तक पहुंच और रोजगार सृजन.
Image credits- Digital empowerment foundation
NRLM के तहत ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा लोन
संगीता सोनगरा मध्यप्रदेश के राजगढ़ के ब्यावरा जिले की एक महिला उद्यमी है जो National Rural Livelihood mission के तहत एक सफल उद्यम चला रही है. संगीता सोनगरा बताती है- "मैंने हिम्मत कर के 5 बेग vermicompost यूनिट लगाई. यह प्रयोग सफल रहा. खेत में गेहूं और सोयाबीन की फसल लगाई. हमें खेत में बुआई के समय कोई लागत नहीं आई. एक लाख रुपए तक की कमाई हुई. मेरे बच्चे भी अब अच्छे स्कूल में पढ़ने जा रहे."
संगीता सोनगरा ने national rural livelihood mission के तहत 1 लाख का लोन लिया था जो आसानी से फेड़ दिया. इस बाद उन्होंने डेढ़ लाख के लोन को भी पहले के तरह वापस कर दिया.
Ajeevika Mission के District Project Manager (DPM) Sandeep Soni कहते हैं -"जीरापुर की संगीता सोनगरा ने self help group की योजनाओं और ट्रेनिंग का फायदा उठाया है. किसान दीदियों के परिवार और आसपास किसानों को जैविक खेती के लिए प्रमोशन कर रहे, जिससे SHG महिलाओं की आर्थिक स्थिति अच्छी हो सके."
State Project Manager (Ag) Bhopal Manish Panwar कहते हैं- "पूरे प्रदेश में SHG से जुड़ीं किसान दीदियों को खेती में लाभ कैसे मिले,ट्रेनिंग दिलवाई जा रही.राजगढ़ जिले में कई समूह की महिलाओं ने Vermicompost यूनिट लगाई और farming कर रहीं हैं." इस तरह कि और कहानियां मिल जाएंगे आपको. जानकार हैरानी होगी कि इन ग्रामीण महिलाओं का loan returning rate 98.2% है."
Women entrepreneur financial empowerment program से आएंगे बदलाव
नकारात्मक सोच रखने वाले यह तर्क दे सकते हैं कि यह फ़िर से सिर्फ महिला के financial growth को बढ़ावा देने वाला और प्रोत्साहित करने वाला एक और कार्यक्रम है. लेकिन इस कार्यक्रम से जितने बदलाव आने वाले है वो सिर्फ सोचकर ही आप हैरान हो जाएंगे.
Image Credits: Women On Wings
Women Entrepreneurship में तेजी लाने से 30 मिलियन से अधिक MSME का निर्माण हो सकता है, जिससे 150 से 170 मिलियन नौकरियां तैयार होंगी, जो कि 2030 तक वर्किंग population के लिए नई नौकरियों के 25 प्रतिशत से अधिक है. भारत में महिलाओं की बढ़ती आर्थिक भागीदारी के माध्यम से 2025 तक 770 बिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़े जाएंगे.
है ये बात सही है कि ग्रामीण महिलाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें वित्त तक पहुंच प्रदान करना कोई नई बात नहीं है. ऐसे बहुत से कार्यक्रम चल रहे है देश में. लेकिन फिर भी Women entrepreneur financial empowerment program उनसे अलग है. क्योंकि यह कार्यक्रम मुख्य समस्या से deal कर रहा है जो है- समाज की मानसिकता और आदतों को बदलना जो सदियों पुराने तरीके से उधार देने के आदी हैं.
Self help groups कर रहे Women entrepreneur financial empowerment program की अगुवाही
यह प्रयास individual women entrepreneurs' loans को केवल उनके व्यवसायों और उद्यमियों के रूप में उनकी क्षमता के लिए सुरक्षित करना है. भारत का self help groups (SHG) मॉडल और इसकी सफलता well known है. Economic Survey 2022-23 के अनुसार, भारत में लगभग 12 मिलियन SHGs हैं, जिनमें से 88 प्रतिशत में सभी महिला सदस्य हैं.
इन self help groups के पास बचत को एक जगह एकत्रित कर बैंकों से उधार लेने के लिए एक bank linkage program है. इससे बैंक की लेनदेन लागत कम करने और आकर्षक मात्रा में जमा राशि उत्पन्न करने में मदद मिलती है. महिला सदस्य आमतौर पर loan का उचित उपयोग और timely repayment सुनिश्चित करने के लिए अपनी साथियों पर दबाव भी डालती है. SHGs के Non Performing Assets सिर्फ 1.8% है जो कि बाकियों से बहुत कम है.
Women entrepreneur financial empowerment program चाहता है महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना
Image Credits: Women On Wings
Women entrepreneur financial empowerment program का प्रयास महिलाओं को entrepreneurs, आत्मनिर्भर और स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने वाले उद्यम तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करना है. viable business enterprises शुरू करने में women potential entrepreneurs जैसे, SHG महिलाओं, को Vitha Sakhis (Friends for Finance) बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
Vitha Sakhis करेंगी ग्रामीण भारत को सशक्त
Rural India को सशक्त बनाने के लिए ऐसी 100 से अधिक Vitha Sakhis तीन राज्यों में सफलतापूर्वक काम कर रही हैं. जब और राज्य जुड़ जाएंगे तो यह संख्या 1500 को पार कर सकती है. ये सखियां credits का timely access सुनिश्चित करने के लिए national rural livelihood mission, महिला उद्यमियों और बैंकों के साथ close coordination में काम कर रही हैं.
महिला उद्यमिता को देश में बढ़ावा देना ही सरकार के प्राथमिक कार्यों में से एक है. अपनी हर पहल में सरकार ग्रामीण महिला उद्यमियों को हर प्रकार की सहायता से लैस कर रही है. Women entrepreneur financial empowerment program के ज़रिये हर ग्रामीण महिला अपना काम शुरू कर खुद का और अपने परिवार का भविष्य सुधारेगी.