किसी नदी में जितना मुश्किल उलटी धारा में तैरना है, उतना ही मुश्किल वह काम करना है जिसके बारे में दुनिया सोच भी नहीं रही. लेकिन कुछ लोग इसी को अपने जीवन का लक्ष्य बना लेते हैं.
V Resorts से मिला Eco-tourism को बढ़ावा
मैकिन्से और बैरिंग इक्विटी जैसी कंपनियों में फाइनेंस में एक दशक लंबे करियर के बाद, अदिति बलबीर ने अपने सफ़र करने के पैशन को फॉलो करने का सोचा. 50 से ज़्यादा देशों की यात्रा करने के बाद अदिति वी रिसॉर्ट्स (Aditi Balbir started V Resorts) शुरू कर उद्यमी बन गईं.
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2009 में, अदिति स्वदेशी वेंचर फंड के साथ काम रही थी जिन्होंने V Resorts को भी सीड फंडिंग दी. 2014 में CEO बन उन्होंने कम्पनी को लीड करना शुरू किया. V Resorts छोटे आवासों और रिसॉर्ट्स के ज़रिये ईको-टूरिज़्म (Eco-tourism supporting local communities) को बढ़ावा देता है.
सालाना 34 लाख रूपए की स्थानीय आय हुई उत्पन्न
अदिति ने भारत में कई व्यक्तिगत प्रॉपर्टीज़ पर ध्यान दिया जो प्रोफेशनल मैनेजमेंट, प्रशिक्षित कर्मचारियों और प्रभावी मार्केटिंग की कमी से जूझ रही थीं. उनका मिशन आरामदायक स्टे के लिए रूम क्वालिटी बनाये रखने और पर्यटकों को नई डेस्टिनेशंस की ओर आकर्षित कर लोकल एक्सपीरियंस देना है.
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जब अदिति ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया, तो उन्हें पता चला कि छोटे पैमाने के पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी लाभ होता है. 15 कमरों वाला एक छोटा रिसॉर्ट हर साल करीब 17 लाख रूपए के रोजगार अवसर पैदा कर सकता है, सालाना 34 लाख रूपए की स्थानीय आय उत्पन्न कर सकता है, और हर वर्ष 25 लाख रूपए का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
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Skill training के ज़रिये महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य भी हो रहा पूरा
इसके साथ ही, V Resorts ने महिलाओं को सशक्त (women empowerment) बनाने, प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर देने, लोकल क्राफ्ट को बढ़ावा देने, और यहां तक कि क्षेत्र छोड़ने वाले लोगों को रोकने में भी सफ़लता हासिल की है.
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'सर्कुलर इकॉनमी' (circular economy) का रास्ता आसान करते हुए V Resort संयुक्त राष्ट्र के सभी 12 सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को पूरा करता है. यह प्रोजेक्ट एक ऐसा सस्टेनेबल सिस्टम बना रहा है जहां संसाधनों का कुशल इस्तमाल किया जाता है और कुछ भी बर्बाद नहीं होता.
मजदूरों को सिखाई हॉस्पिटैलिटी स्किल्स
दूर-दराज़ के शहरों को चुना, जहां संसाधनों की काफी कमी थी. शहर के चारों ओर बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए 'लोकल' रणनीति तैयार की गई. भूमिहीन मजदूरों को हॉस्पिटैलिटी स्किल्स सिखाई गईं, स्थानीय विक्रेताओं को राशन और दूसरी जरूरतों का ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया, स्थानीय स्तर पर 'बोट टी सर्विस' और 'नाइट ट्रेक' जैसी सर्विसेज शुरू की गईं, और गांव के चारों ओर वेस्ट मैनेजमेंट प्रोसेस शुरू किया गया.
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कुछ इस तरह, अदिति ने ट्रैवेलर्स को यूनिक ट्रेवल एक्सपीरियंस देने के लिए अपनी जॉब छोड़ नया रास्ता अपनाया. इस सफ़र में महिलाओं, स्थानीय कला, छोटे उद्यमियों, और परम्पराओं को भी बढ़ावा मिला. ईको-टूरिज़्म (Eco-tourism empowering culture) का पर्याय बन, आज V Resorts कई ट्रैवेलर्स की पसंद बन रहा है.