विदेश जाओ तो बहुत कुछ नया देखने को मिलता है. कुछ चीज़े तो इतनी पसंद आती हैं कि उसे घर ले आने का मन करता है. पर ये मुमकिन हो पाना मुश्किल है. अपनी फेवरेट फ्लेवर्ड कॉफी (favourite flavoured coffee) पर जब अदिति सोमानी सतनालीवाला (Aditi Somani Satnaliwala) को रोज़ 300-400 रुपये खर्च करना मुश्किल लगा तो उन्होंने खुद अपनी ब्रांड कंट्री बीन (country bean) शुरू की.
कॉफी का शौक अदिति को लाया फ़ूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री में
अदिति की कंट्री बीन उन लोगों के लिए है जो कैफे जैसी कॉफी का अनुभव घर लाना चाहते हैं. यह आइडिया देशभर के करीब 2,00,000 ग्राहकों की पसंद बन रहा है. अदिति को नहीं पता था कि कॉफी का शौक उन्हें फ़ूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री (food and beverage industry) में ले आएगा. उनके पास वॉरविक यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में डिग्री है. एक डिजाइन स्टार्ट-अप में काम करने के दौरान उन्हें कैफे की कॉफी का चस्का लगा, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि हर दिन एक कॉफ़ी कप पर 300 रुपये खर्च करना आसान नहीं था. इसलिए, उन्होंने खुद फ्लेवर्ड कॉफी (flavoured coffee) बनाई.
Image Credits: Country Bean
भारत में, अदिति का अपनी ब्रांड लॉन्च करने का सफ़र, अनुभव न होने की वजह से, अंतरराष्ट्रीय कॉफी ब्रांडों (international coffee brands) की अस्वीकृति के साथ शुरू हुआ. उन्होंने रास्ता बदला और खुद प्रोडक्ट तैयार किया.
अदिति का कोलकाता (Kolkata) में फ्लेवर्ड कॉफी ब्रांड लॉन्च करने का सपना कंट्री बीन (country bean) के साथ साल 2017 में सच हुआ. वह बताती है, "यह सफ़र कॉफी लवर्स की कम्युनिटी के प्यार के बिना कभी आसान नहीं हो पाता."
कंट्री बीन दे रहा सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान
यह क्राफ्ट कॉफी स्टार्टअप (craft coffee startup) दक्षिणी भारत से इंस्टेंट कॉफ़ी (instant coffee) खरीदती है, और उसमें फ्लेवर मिलाती है. यह हेज़लनट (hazelnut), वेनिला (vanilla), और हॉट चॉकलेट मिक्स (hot chocolate mix) जैसे अपने प्रमुख उत्पादों के साथ-साथ मिल्क फ्रॉथर (milk frother) और फ़िल्टर कॉफी डेकोक्शन (Filter Coffee Decoction) के ऑप्शन्स भी देते है. इनके सभी प्रोडक्ट्स में दूसरी ब्रांड्स की तुलना में 60% कम चीनी (less sugar flavoured coffee) होती है.
Image Credits: Country Bean
“कंट्री बीन आने वाली पीढ़ियों के लिए भविष्य की रक्षा का महत्व समझता है. इसलिए हम पर्यावरण पर अपने प्रभाव को कम करने के लिए हर दिन छोटे-छोटे कदम उठा रहे हैं. हमारा मानना है कि छोटी-छोटी कोशिशें लंबे समय में बड़ा बदलाव ला सकती है, और हम सुधार के लिए लगातार नए तरीकों की तलाश करने की उम्मीद करते हैं.'' अदिति ने बताया.
यह सस्टेनेबल स्टार्टअप (sustainable startup) डिस्पोजल कंपनी की मदद से अपने प्लास्टिक फुटप्रिंट (plastic footprint) को मापते हैं, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग (plastic recycling) को फंड करते हैं, और मेटल कैप पर स्विच कर प्लास्टिक के विकल्प (plastic alternatives) तलाश रहे हैं. इन पहलों को ध्यान में रखते हुए डिस्पोजल कंपनी ने उन्हें प्लास्टिक न्यूट्रल सर्टिफाय किया.