मिशन से सिर्फ गुलाबी साड़ी ही नहीं चेहरों पर छा रही गुलाबी रंगत

कुछ सालों में आजीविका मिशन से महिलाओं को गुलाबी साड़ी में ही नहीं देखा जा रहा,अब उन महिलाओं और परिवार के चेहरे पर ही गुलाबी रंगत नज़र आने लगी.मिशन की यह उड़ान काल्पनिक नहीं बल्कि धरातल पर है. लाखों परिवारों के घर बुझे चूल्हे फिर जल उठे हैं.

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किसान उत्पादक समूह द्वारा महिलाएं खेती में काम करते हुए (Image: Ravivar Vichar)

MP में Ajeevika Mission से जुड़ने के बाद self help group की महिलाओं के जीवन में आए बदलाव की कई ऐसी कहानियां हैं,जिसमें ये महिलाएं मिसाल बन गईं.ये महिलाएं जो मजदूरी और घरेलू महिला बन कर परिवार के आसरे थी,अब मिशन के सहारे आत्मनिर्भर बन गई.State Rural Livelihood Mission Bhopal के Dinesh Dubey का एक नज़रिया..   

62 लाख परिवारों को उबारने के लिए मनपसंद योजनाएं 

पूरे देश के साथ मध्य प्रदेश में भी आजीविका मिशन सभी योजनाओं को लागू कर रहा.ख़ास बात प्रदेश के लगभग 5 लाख 3 हज़ार self help group में 62 लाख 7 हज़ार परिवार जुड़े.ये सभी प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष मिशन की schemes से रोजगार कर रहे.इसमें सबसे ज्यादा देखा गया कि अधिकांश परिवार खेती आधारित मजदूरी और जीवन यापन कर रहे.इसमें कई महिलाएं केवल घरेलु कामकाज से जुडी होने के कारण ज्यादा आर्थिक तंगहाली से जुड़ी थी.बाकि अपने पति और परिवार के साथ मजदूरी करने को विवश.यही वजह इन परिवारों की आर्थिक हालात बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते.

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घरेलू  उद्योग में भी महिलाएं  आत्मनिर्भर  हुईं (Image:Ravivar Vichar)

आजीविका मिशन ने देश और प्रदेश की भौगालिक स्थिति के साथ काम की क्षमता के आधार पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह काम धरातल पर शुरू किया.Agriclutural based और Non-Agriculture based.ये योजनाएं समूह की पसंद के अनुसार निर्धारित की जा रहीं.

Schemes में Environment के साथ रखा literacy का रखा ध्यान 

Ajeevika Mission में देश में शीर्ष Central से लगाकर State Level तक ढांचा बनाया. यह जिला ही नहीं बल्कि जनपदों और गांव तक व्यवस्था रखी.इसमें Environment और female literacy का ध्यान रखा जा रहा.  
ठीक स्वयं सहायता समूह से लगाकर Cluster level तक समूह का गठन कर महिलाओं को काम के लिए जवाबदार बना दिया.
कृषि आधारित क्षेत्र में Organic Farming, Natural Farming,Vermicompost जैसी ट्रेनिंग दी गई.
Horticulture में भी Nursery ,Plantations का अवसर दिया. फलदार पौधों से डबल इनकम के रास्ते खुल गए. Animal Husbandry में Milk Productions और selling को जोड़ा. इन योजनाओं में हज़ारों की संख्या में महिलाओं को काम मिला.
इन काम के साथ ही महिलाओं की कमाई शुरू हुई. 

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Namo Drone Yojana की ट्रेनिंग प्रदेश में भी दी गई (Image:Ravivar Vichar)


Non Agriculture में mirco level industries units का मौका मिला. इसमें महिलाओं को सजावटी आइटम्स बनाने,घरेलु आइटम्स ,सिलाई के साथ कपड़े निर्माण सिखाया जा रहा.
हाल ही में Namo Drone Yojana ने SHG की महिलाओं को नैनो मेथड भी सीखा दिया.यह पूरे देश के लिए सबसे चर्चित सफल योजना है.  

Financial Support के लिए सखियां निभा रहीं भूमिका 

स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं  होने के कारण सरकारों और शासन ने कई योजनाओं के माध्यम से Financial Support कर रहा.

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Dinesh Dubey, SRLM, Bhopal 

इस समूह की महिलाओं को गाइड करने के लिए मिशन के अधिकारियों के अलावा समूह की सदस्यों को Bank Sakhi बनाया.ये RF fund से लगाकर CCL तक मदद कर रहीं.मिशन को यह माध्यम ठीक लगा. इन समूह में ही से Pashu Sakhi,Helth Sakhi जैसे कई सखियों को अलग अलग क्षेत्र में training दी. 3 करोड़ महिलाओं को Lakhpati Didi बनाने का प्रयास  सरकार और मिशन का इसी दिशा में बढ़ रहा. Women Empowerment में MP का मिशन और SHG के प्रयास से कई महिलाएं और समूह सम्मानित हो चुके.

Dinesh Dubey 

सहायक राज्य परियोजना प्रबंधक   
SRLM, Bhopal 

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