रितुपर्णा सेनगुप्ता (Rituparna Sengupta), बंगाल (West Bengal actress) की फेमस एक्टर, ने अपने एक डायरेक्टर के बारे में कहा था कि- "वे महिलाओं के इमोशंस को महिलाओं से बेहतर समझने वाले इकलौते डायरेक्टर है." वे बात कर रही थी, ऋतुपर्णो घोष (Rituparno Ghosh) की. भारत के एक बहुत ही well known डायरेक्टर्स में से एक थे, ऋतुपर्णो घोष.
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फीमेल इमोशंस की नव्ज़ पकड़ने में माहिर थे ऋतुपर्णो घोष
उनकी ज़्यादातर फिल्मों के महिला किरदार बेहद स्ट्रांग, बोल्ड और डोमिनेंट हुआ करते थे. नेशनल अवार्ड्स (Rituparno Ghosh national awards films) हो या कोई और अवार्ड इनकी फिल्मों और इन्हें को अक्सर मंच पर सम्मान मिल चुका है. Choker Bali हो, Titli हो या Unishe April, हर फिल्म में महिला किरदारों को कुछ ऐसा दिखाया है ऋतुपर्णो घोष ने, जो भारत में शायद कोई नहीं कर पाया.
ऋतुपर्णो घोष की फीमेल सेंट्रिक फिल्में
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रबिंद्रनाथ टैगोर की नॉवेल (Rabindranath Tagore Novel) पर बनी फिल्म Choker Bali में ऐश्वर्या राय ने बिनोदिनी का किरदार निभाया. यह फिल्म colonial times (1902 and 1905) के बीच के period को दर्शाती है. उस वक़्त महिला के विचारों को किसी प्रकार की आज़ादी नहीं थी. विधवा होने के बावजूद बिनोदिनी का किरदार सारी पाबंदियों से ऊपर उठकर अपनी आज़ादी को अपनी प्रार्थमिकता बनाता है.
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Unishe April ऋतुपर्णो घोष की दूसरी फिल्म थी. फीमेल किरदारों के आस पास घूमती स्क्रिप्ट है यह फिल्म. एक सुपरहिट और नेशनल अवार्ड विंनिग फिल्म (National Award Winning Film for best Actress) होने के साथ, ऋतुपर्णो घोष ने इस फिल्म में माँ-बेटी के तनावपूर्ण रिश्ते को सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन बनाया है. सरोजिनी (Aparna Sen) और अदिति (Debashree Roy) के किरदार पूरी फिल्म की जान है. अपनी रिश्तों को किस तरह सुलझाया इस जोड़ी ने कहानी इस plot पर revolve करती है.
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एक और फिल्म जिसमें मां-बेटी के रिश्ते को हाईलाइट किया है ऋतुपर्णो घोष ने, वह है Titli. Mother-daughter relationship अक्सर ऋतुपर्णो घोष की फिल्मों (Rituparno Ghosh Films) का डोमिनेंट प्लॉट हुआ करता था. इस फिल्म में तितली (Konkana Sen Gupta) और उसकी मां उर्मिला (Aparna Sen) का एक बॉलीवुड एक्टर रोहित रॉय (Mithun Chakraborty) को लेकर obsession हाईलाइट किया गया है.
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एक और परफेक्शन की मिसाल फिल्म दहन (Rituparno Ghosh Film Dahan) में भी 2 महिला किरदारों को फिल्म के सेंटर के रूप में पेश किया गया. रोमिता (Rituparna Sengupta) और झिनक (Indrani Halder) के किरदार कहानी में मुख्य है. रोमिता का कुछ लोग अपहरण करने की कोशिश करते है और उसे बचाने के लिए झिनक सबसे लड़ जाती है. महिला किरदार होने के बावजूद अपनी बोल्डनेस और ताकत को लोगों के सामने रखने में कमी नहीं छोड़ी थी इन किरदारों ने.
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शुभो महूरत (Shubho Mahurat) में भी महिला किरदारों को लीड में लिया था ऋतुपर्णो घोष ने. एक मर्डर मिस्ट्री है यह फिल्म. ऋतुपर्णो घोष ने जिस तरह से इस फिल्म में किरदारों की समझ, smartness, twists और turns को दर्शाया है, एक मेल लीड वाली फिल्म इस स्टोरी के आगे फ़ैल है. किस तरह से एक domestic detective मिस मार्पल (Rakhee) फिल्म सेट पर हुए मर्डर को सॉल्व करती है जो कि NRI (Sharmila Tagore) का फिल्म सेट था.
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अंतर्महल (Antarmahal) जैसी फिल्में शायद बहुत कम बनी है भारत की फिल्म इंडस्ट्री (Indian Film Industry) में. जसोमति (Soha Ali Khan) और महामाया (Roopa Ganguly) के पावरफुल कैरेक्टर पोट्रेयल को दर्शाया है. हालांकि, इस फिल्म के लिए ऋतुपर्णो घोष को काफी criticism देखने को मिला, लेकिन फिर भी इतनी स्ट्रांग फीमेल कैरेक्टर्स उनकी किसी भी फिल्म में नहीं दर्शाई होंगी.
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इन सारी फिल्मों में ऋतुपर्णो घोष के महिला किरदार (Rituparno Ghosh Female Characters) अपनी कहानी बिना किसी पर depend हुए समझाने में कामयाब हुए है. वे अपनी ज़्यादातर फिल्मों में इस तरह के plot तैयार करते थे, जो महिला किरदारों के बिना create ही नहीं किये जा सकते. वह महिलाओं के इमोशंस को उनसे कई बेहतर ढंग से समझने में कामयाब डायरेक्टर थे.