एक बात तो आप सबने सुनी होगी...महिलाएं हमेशा कामों को जल्द से जल्द करने के तरीके ढूंढ ही लेती है क्योंकि उन्हें पता है कि कौनसे काम को कितनी देर देने की ज़रूरत है. चाहे फिर वो घर काम हो, नौकरी हो या बिज़नेस. लक्ष्य सीधा है, अगर एक काम जल्दी होगा तो दूसरे को देने के लिए समय मिलेगा.
काम ज़्यादा होगा तो आर्थिक सशक्तिकरण भी बढ़ेगा और आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ते ही आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन बढेगा. सरकार भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर वक़्त नए प्रयास करती रहती है. ऐसा ही एक प्रयास है सरकार की Drone yojana.
सरकार की drone yojana के तहत इन महिलाओं ने बदला farming का रंग
पंजाब चंडीगढ़ (punjab news in hindi) में drone yojana के तहत 20 महिलाओं का एक समूह सबकी नज़र में तब आ गया जब उन्होंने नैनो-यूरिया के छिड़काव में लगने वाले समय को कम करने के लिए पंजाब के खेतों में ड्रोन पायलट और चक्कर लगाने वाली मशीनों की भूमिका को बढ़ाने का ठान लिया है.
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Indian farmer fertilization cooperative (IFFCO) के माध्यम से केंद्र प्रायोजित योजना के हिस्से के रूप में इन महिलाओं को 15 लाख रुपये की लागत वाली drone unit मुफ्त प्रदान की जा रही हैं. इन 20 महिलाओं के समूह में से आठ हरियाणा के मानेसर में prime minister mahila kisan drone kendra में IFFCO द्वारा प्रदान 15 दिन की training लेकर अपने काम को बढ़ाने की ठान चुकी है.
महिलाएं drone yojana के तहत बढ़ेंगी आगे
महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए इसका उपयोग अपने क्षेत्रों में किसानों के खेतों में स्प्रे करने के लिए करेंगी और प्रति एकड़ 200 से 250 रुपये वसूलेंगी.
मोगा के रतियां गांव की जसविंदर कौर धालीवाल ने कहा, "मेरे पति और बेटे ने मुझे इस परियोजना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. जब मैं प्रशिक्षण केंद्र पहुंची, तो शुरुआती संकोच गायब हो गया.आज मैं ड्रोन अच्छे से चला सकती हूं."
रोपड़ जिले के आनंदपुर साहिब उपमंडल के गंभीरपुर गांव की एक अन्य लाभार्थी गुरदीप कौर ने कहा- "प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कक्षा में वापस आकर अच्छा लगा. हम सभी स्मार्टफोन और अन्य उपकरणों का उपयोग करते हैं. ड्रोन का उपयोग सीखना मुश्किल नहीं था. ड्रोन खेतों में उर्वरक और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए शारीरिक श्रम को कम करने में मदद करेंगे. किसानों को छिड़काव के लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है और इसमें लगभग पूरा दिन लग जाता है. लेकिन ड्रोन सात मिनट में एक एकड़ की दूरी तय कर सकता है."
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प्रशिक्षण शिविर में राजस्थान और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों की महिलाएं भी आई थी.
जसविंदर कौर धालीवाल ने बताया- "मेरी मुलाकात हिमाचल की ज़ीनत से हुई, जिनके परिवार के पास सेब के बगीचे हैं. उन्होंने मेरे साथ अपने अनुभव साझा किए. मैं पांच एकड़ में खीरे उगती हूं और इसीलिए उनके साथ खेती के कुछ टिप्स भी साझा किए. ड्रोन जैसी तकनीकों का उपयोग पंजाब जैसे राज्य में खेती में क्रांति लाएगा. ड्रोन 10-लीटर टैंक के साथ आते हैं और इससे यूरिया और पानी की बर्बादी कम होती है.''
लुधियाना के माछीवाड़ा की गुरिंदर कौर ने कहा- "मेरे पति 150 एकड़ जमीन के मालिक हैं और मैंने उन्हें इस परियोजना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है."
Grant thornton bharat कर रहा 27,000 को ट्रैन
महिला लाभार्थियों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए, IFFCO ने Grant thornton bharat से संपर्क किया था, जो पहले से ही लुधियाना, मोगा, बरनाला और रूपनगर में 27,000 से अधिक महिलाओं के साथ काम कर रहा है. Grant thornton bharat में public sector consulting के प्रबंधक मनप्रीत सिंह ने कहा कि उनके कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त और कुशल और सरकारी योजनाओं के लिए योग्य बनाकर उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थितियों पर सकारात्मक प्रभाव डालना है.
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Self help group में काम करने वाली महिलाओं को मिल रही ट्रेनिंग
IFFCO के state marketing manager HS Siddhu ने कहा कि परियोजना के हिस्से के रूप में, देश की 300 महिलाओं को ड्रोन का उपयोग करने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया गया है.
HS Siddhu ने कहा- "शुरुआत के लिए बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण और self help group के साथ काम करने वाली 20 महिलाओं का चयन किया गया है. IFFCO ने देशभर में उपयोग किए जाने वाले 2,500 ड्रोन के लिए खरीद आदेश दिया है, जिनमें से पंजाब के लिए 110 ड्रोन अलग रखे जाएंगे. इन महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन के साथ ड्रोन मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा. ड्रोन एक दिन में 20 एकड़ की दूरी तय कर सकता है और इससे ये महिलाएं बेहतरीन कमाई कर पाएंगी."