'Nari Shakti' जो एक बहुत बड़ी बात थी आज से कुछ साल पहले, लोग मज़ाक बनाया करते थे, आज के social media culture में महिलाएं एक meme material बनकर रह गई थी. कहते है जब इंसान अपनी सोच में बदलाव लाता है तब ही समाज को बदलने में योगदान दे सकता है. इसीलिए Nari Shakti का परचम लहराने के लिए सरकार ने देश में जितने बदलाव किए, वो सब लोगों की सोच को बदलने में कामियाब हुए है.
Nari Shakti से मिल रहा Indian Economy को बढ़ावा
आज महिलाएं देश में पुरूषों के मुकाबले हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करती दिख जाएंगी आपको. उसी में से एक क्षेत्र है finance या वित्त. हाल के कुछ सालों में यह बात साफ़ हो चुकी है कि महिलाएं देश की economy को boost कर रही है.
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भारत में Jan Dhan Aadhaar Mobile trinity, payments infrastructure और एक banking-fintech ecosystem के कारण भारत में महिलाओं का financial inclusion बहुत बढ़ा है. 2011 में भारत में bank accounts कि संख्या 50 प्रतिशत से भी कम थी, लेकिन आज बैंक खाता पहुंच का अनुमान लगभग 85 प्रतिशत का है. पिछले महीने UPI से 12 अरब से अधिक का transaction हुआ है, जो भारत जैसे देश के लिए per month per adult 11से अधिक transactions का average है.
Rural और Semi-Urban महिलाओं ने संभाला है Indian economy को
भारत में एक बहुत बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने बैंक खाते खुलवाए है. यह जानकारी इसीलिए ज़रूरी है क्योंकि देश में पहले महिलाओं को bank से जुड़े कामों में आगे लाने से रोका जाता था. वहीँ आज देश में इतनी बड़ी सख्यां में महिलाएं इस कार्य में आगे आई है.
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लेकिन अभी भी गुंजाईश बाकी है. विशेष रूप से भारत में ग्रामीण और semi urban महिलाओं और micro small and medium enterprises (MSMEs) को बढ़ावा दिया जाना ज़रूरी है. यह मिलकर देश में economic well-being में एक बड़ा बदलाव साबित होंगे. देश के economic policy agenda के तहत महिलाओं (Nari Shakti) और MSME को empower करना सरकार की नीति का सबसे ज़रूरी हिस्सा है.
भारत में 100 million से ज़्यादा ग्रामीण महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सरकार ने 8.1 million self help groups (SHG) तैयार करने का समर्थन किया है. यह संख्या अभी 8 मिलियन के करीब है लेकिन आने वाले सालों में यह संख्या और बढ़ने का अनुमान है.
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Self help groups से जुड़कर महिलाएं बन रहीं entrepreneurs
देश में एक बहुत बड़ी संख्या में महिलाएं SHGs से जुड़कर अपने उद्यम तैयार कर रही है और आत्मनिर्भर बन रहीं है. सरकार के MSME loans का अच्छा ख़ासा फायदा मिल रहा है इन महिलाओं को. साथ ही वे आसानी से अपने business तैयार कर पा रहीं है. मार्च 2023 तक, scheduled commercial banks द्वारा MSME businesses को दिया गया कुल ऋण लगभग 23 लाख करोड़ रुपये था.
Financial services द्वारा Rural/ semi-urban महिलाओं का सशक्तिकरण
सरकार महिलाओं को formal credit से जोड़ने के लिए उन्हें self help groups से जुड़ने को प्रोत्साहित कर रहीं है. आज देश में 100 million से ज़्यादा महिलाएं SHGs का हिस्सा है और अपने काम को establish करने के लिए बहुत आसानी से लोन प्राप्त कर रहीं है.
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NRLM ग्रामीण महिलाओं को बना रहा Bank sakhis
National Rural Livelihood Mission के तहत महिलाओं के लिए Banking Correspondent (BC) कार्यक्रम भी तैयार किया गया है जो इन SHG महिलाओं को banking की जानकारी देने के साथ ही उन्हें finance के क्षेत्र में आगे बढ़ा रहा है.
इस कार्यक्रम के तहत banks इन महिलाओं को प्रशिक्षण देती है और गाँव में लोगों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित भी करती है. इन SHG महिलाओं को Bank sakhis, BC Sakhis या Bank Didi कहा जाता है. ये सारी महिलाएं rural financial services entrepreneurs के रूप में काम करने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित है और पेंशन, बीमा और निवेश सहित कई डिजिटल वित्तीय सेवाओं को वितरित भी कर रहीं है.
भारत में one gram panchayat one bank sakhi कार्यक्रम भी चल रहा है. भारत सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है कि इन bank sakhis को हर सुविधा प्रदान करें, उन्हें प्रशिक्षित करें और भारत के हर कोने में bank sakhis की पहुंच बढ़ाए. यह बात financial service providers ने भी कही है कि भारत में पुरुषों के comparison में bank sakhis ज़्यादा transactions, customers और effective तरीके से काम करने में सक्षम है.
भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने हाल ही में कहा है कि- "भारत पूरी दुनिया में जल्द ही 5वी सबसे बड़ी economy के रूप में सामने आएगा." और इस कार्य को सफल बनाने में देश की महिलाओं का योगदान सबसे बड़ा होगा.