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Image Credits: Lyman-Morse Boatbuilding
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फिजिक्स में फेल हुई. फिर भी इंजीनियरिंग (Women in Engineering) का जुनून उन्हें जादवपुर यूनिवर्सिटी ले गया. 540 में से 539 इंटेर्नशिप्स में रिजेक्ट हुई. पर ये कहानी का अंत नहीं, शुरुआत थी.
इंनोवेटर संप्रीति भट्टाचार्य (Innovator Sankriti Bhattacharya) 'नेवियर 30'- अमेरिका की पहली इलेक्ट्रिक हाइड्रोफॉइल नाव (America's first Electric Hydrofoil Boat) के पीछे की मास्टरमाइंड हैं. नेवियर 30 (Navier 30) को मेरीटाइम टेक्नॉलोजी (Maritime Technology Advancements) में उल्लेखनीय प्रगति का उदाहरण माना गया. यह इलेक्ट्रिक हाइड्रोफॉइल नाव न सिर्फ मरीन ट्रांसपोर्ट की परंपराओं को चुनौती देती है, बल्कि सस्टेनेबल फ्यूचर (sustainable marine transport) का रास्ता भी आसान करती है.
Image Credits: sampriti_bh/ Instagram
शैक्षणिक चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए, संप्रीति भट्टाचार्य ने हर बाधा को विकास और खोज के अवसर में बदला. फर्मीलैब (Fermilab) और नासा (NASA) जैसे प्रसिद्ध संस्थानों में इंटर्नशिप की. संप्रीति ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (PhD from MIT) से पीएचडी हासिल की. हर तरह के अनुभव ने उनके विज़न, जुनून और कौशल को मजबूत किया, जिसकी बदौलत नेवियर (Navier) का जन्म हुआ.
Image Credits: sampriti_bh/ Instagram
30 फीट की यह इलेक्ट्रिक हाइड्रोफॉइल नाव पानी के ऊपर ग्लाइड करने के लिए डिज़ाइन की गई है (about Navier 30 in Hindi), जो वेव रेजिस्टेंस (wave resistance) को कम करती है. नेवियर 30 (Navier 30) पारंपरिक गैस-संचालित नौकाओं की तुलना में दस गुना बेहतर है. इसकी अद्भुत क्षमता इस बात का प्रतीक है कि समुद्री परिवहन (marine transport) का भविष्य कैसा हो सकता है.
संप्रीति के नेतृत्व में कंपनी पर्यावरण संरक्षण (Environmental Conservation) को प्राथमिकता दे रही है. बिजली के विकल्पों (electricity alternatives) की वकालत कर, कंपनी गैस से चलने वाले जहाजों से दूरी बना रही है. एक समुद्री उद्योग (marine industry) की नींव रख रही है, जहां सस्टेनेबिलिटी (Sustainable Maritime Transport) मिशन का हिस्सा हो.
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नेवियर 30 (Navier 30's Impact on Marine Transportation) एक इंजीनियरिंग चमत्कार से कहीं ज़्यादा है. यह दुनिया के लिए संदेश है कि जब सपने लक्ष्य में बदलते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है. पुरुष प्रधान फील्ड (male-dominated field) में अपनी जगह बनाकर, संप्रीति भट्टाचार्य जैसी महिलाएं न सिर्फ नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाती हैं, पर भविष्य को भी आकार दे रही हैं.