मेघालय की महिलाओं का फाइनेंशियल फ्रीडम

मेघालय सरकार का महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करने का विचार उन्हें आगे बढ़ाने के लिए बहुत बड़ा कदम साबित हो रहा है. महिलाओं को भी SHG से जुड़कर सरकार की परियोजनाओं को अपनाना चाहिए.

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रिसिका जोशी
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Meghalaya SHG

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मेघालय सरकार बना रही महिलाओं को आर्थिक आज़ाद

मेघालय जिसे बादलों का घर कहा जाता है, देश के सबसे सुंदर राज्यों में से एक है, यह प्रदेश. अपने पर्यटन स्थलों और बेहद ख़ूबसूरती भरे वातावरण के लिए जाना जाने वाला यह प्रदेश, महिला सशक्तिकरण के नए आयाम तय कर रहा है. प्रदेश की महिलाओं को सरकार Self Help Group से जोड़कर आगे बढ़ाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है. मेघालय देश के उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां ग्रामीण इलाकों की 95 फीसदी महिलाएं स्वयं सहायता समूह (SHG) आंदोलन का हिस्सा हैं. राज्य में SHG आंदोलन के तहत 4 लाख से अधिक महिलाएं हैं, जो 2018 से पहले लगभग 35,000 हजार थीं.

महिलाओं को स्वावलंबी बनाना अब मेघालय सरकार का प्रार्थमिक उद्देश्य बन चूका है. सामुदायिक और ग्रामीण विकास विभाग ने भी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (SIRD), मेघालय एंड ऑल गारो हिल्स ग्राम सेवक एंड सेविका एसोसिएशन (AGHGSA) के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया था.

महिला सशक्तिकरण की पहल है प्रार्थमिक उद्देश्य

राज्य की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए इस पहल से महिला SHG का गठन बढ़ाने का काम किया जा रहा है. पिछले पांच वर्षों के दौरान लगभग 45000 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चूका है. ज़्यादातर गाँव के परिवारों की महिलाएं इन SHGs की सदस्य है जो अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए समूहों से जुड़ी है. मेघालय सरकार का महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करने का विचार उन्हें आगे बढ़ाने के लिए बहुत बड़ा कदम साबित हो रहा है. महिलाओं को भी SHG से जुड़कर सरकार की परियोजनाओं को अपनाना चाहिए.

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