"शांति की शुरुआत एक मुस्कराहट से होती है"
ये शब्द कहने वाली मदर टेरेसा (mother teresa) उन लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाइ, जो आंसुओं को अपनी तक़दीर मान चुके थे. उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी बिना भेदभाव किये लोगो के दर्द और दुखों को कम करने में लगादी. गरीब, बीमार और असहाय लोगों का सहारा बन वह हमेशा के लिए परोपकार का दूसरा नाम बन गई.
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कैसा था मदर टेरेसा का बचपन
मदर टेरेसा का असली नाम एग्नेस गोंझा बोयाजिजू (Agnes Gonxha Bojaxhiu) था (about mother teresa). बचपन से ही अग्नेस (mother teresa real name) के दिल में अपार करुणा और प्रेम था. मदर टेरेसा का जन्म मेसेडोनिया (macedonia) के स्कॉप्जे (skopje) में हुआ (mother teresa family). जब वह आठ साल की थीं, उनके पिता गुज़र गए, जिसके बाद उनकी मां ने लालन-पालन किया (about mother in hindi).
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18 साल की उम्र में वह नन (nun) बनीं और उनकी ज़िन्दगी पूरी तरह बदल गई. पहली बार भारत आई और मानों यहीं की होकर रह गई (life of mother teresa). जिस वक़्त महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल था, उस समय उन्होंने अपना लक्ष्य खुद तय किया, सिर्फ घर ही नहीं, अपना देश छोड़, अपने दम पर काम किया. उनका काम कई महिलाओं के लिए फेमिनिस्ट इंस्पिरेशन (feminist inspiration mother teresa) बना.
फेमिनिस्ट आदर्श बनी मदर टेरेसा
उन्हें अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी (the missionaries of charity) की स्थापना करनी थी. अनुमति लेने के लिए, सफ़ेद साड़ी पहने, आत्मविश्वास से भरपूर, वह कैथोलिक चर्च (catholic church) के पुरुषों के सामने खड़ी रही. सफल होने तक वह डटी रहीं.
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मदर टेरेसा समाज के सबसे कमजोर और असहाय लोगों की मदद करती (mother teresa work). वंचित समुदायों की महिलाओं को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और सहायता प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाया (women empowerment mother teresa). महिलाओं को अपने कामों में शामिल कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाती.
एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS), लेप्रोसी (Leprosy) और टीबी (tuberculosis) से पीड़ित लोगों के लिए घर, मुफ्त किचन, डिस्पेंसरीज और मोबाइल क्लीनिक खोले. बच्चों और परिवार के लिए परामर्श कार्यक्रम, अनाथालय, और स्कूल भी शुरू किये (mother teresa quotes in hindi).
सबसे बड़ी बिमारियों में से एक है
किसी के लिए कुछ नहीं करना
विकास और संसाधनों से वंचित लोगों के अधिकारों और कल्याण के लिए मदर टेरेसा की वकालत असमानताओं और भेदभाव को चुनौती देकर नारीवादी लक्ष्यों को पूरा करती. उनका काम उन लोगों को ध्यान में रखता जो असुरक्षित और उत्पीड़ित थे, जिनमें गरीबी और भेदभाव का सामना करने वाली महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल थीं.
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मदर टेरेसा के नेतृत्व और प्रभाव ने कई महिलाओं को सामाजिक कार्य और स्वास्थ्य देखभाल सहित कई क्षेत्रों में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया. उन्हें देख महिलाओं को कार्यभार संभालने, अपना लक्ष्य पूरा करने और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हिम्मत मिली.
मदर टेरेसा ने उन सामाजिक मानदंडों को चुनौती दी जिनकी जड़ पितृसत्ता थी. वह एक ऐसी महिला थी जिनके इरादे मज़बूत थे. वह पूरी दुनिया को सीखा गई-
"दया और प्रेम भले ही छोटे शब्द हो सकते है,
लेकिन इनकी गूंज बहुत दूर तक जाती है."