ग्रीन स्टार्टअप6: जेट सेट गो के साथ सस्टेनेबल उड़ान भरती कनिका टेकरीवाल

कनिका वह यंग एंट्रेप्रेन्योरहै है जिन्होंने ₹150 करोड़ टर्नओवर वाली भारत की पहली एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनी और उबर मॉडल पर शुरू होने वाली निजी विमान कंपनी बनाई. जेट सेट गो छह सीटों से लेकर अठारह सीटों वाले विमानों तक चार्टर उड़ानों को संचालित करता है.

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मिस्बाह
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Image Credits: woodlands.adventist

जिस तरह आप आसानी से उबर-ओला (uber-ola) के ज़रिये कार बाइक या ऑटो बुक कर सकते हैं, उसी तरह अगर आप प्लेन बुक कर सके तो? कंपनी जेट सेट गो प्लेन का उबर है जिसके ज़रिये प्राइवेट प्लेन (private plane) बुक किया जा सकता है. आपको क्या लगता है इस कंपनी की शुरुआत किसने की होगी? एक सफल पायलट ने? या, फिर किसी अनुभवी बिज़नेस मैन ने? यह शुरुआत की है 22 साल की कनिका टेकरीवाल (Kanika Tekriwal) ने. कनिका वह यंग एंट्रेप्रेन्योरहै (entrepreneur) है जिन्होंने ₹150 करोड़ टर्नओवर वाली भारत की पहली एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनी (India's first aircraft leasing company) और उबर मॉडल (uber model) पर शुरू होने वाली निजी विमान कंपनी बनाई. 

21 साल की उम्र में कैंसर को हराया और 'जेट सेट गो' किया शुरु

यदि आप हवाई जहाज नहीं खरीद सकते तो इसका मतलब यह नहीं कि आप उसमें उड़ान नहीं भर सकते. कनिका ने इस मान्यता को अपनी कंपनी के साथ पूरी तरह से बदल दिया है. 21 साल की उम्र में उन्होंने कैंसर को हराया और 2014 में कंपनी शुरू की. मारवाड़ी परिवार से आने वाली कनिका कोटक वेल्थ हुरुन- लीडिंग वेल्थी वुमन, 2020 सूची में सबसे कम उम्र की हैं. 

1 साल में उन्होंने करीब 1 लाख यात्रियों को सर्विस दी और 6000 उड़ानें संचालित कीं. उनके ग्राहक ज़्यादातर कॉर्पोरेट, मशहूर हस्तियां, राजनेता हैं. जेट सेट गो (Jet Set Go) छह सीटों से लेकर अठारह सीटों वाले विमानों तक चार्टर उड़ानों को संचालित करता है.

दिल्ली-मुंबई, हैदराबाद-दिल्ली और मुंबई-बेंगलुरु उनके सबसे ज़्यादा उड़ान वाले एरिया हैं.  उनकी 5% उड़ानें मेडिकल इमरजेंसी (medical emergency) के लिए की जाती हैं. 

उड़ान संचालन को कार्बन न्यूट्रल बनाने का है लक्ष्य

2024 तक वह उड़ान संचालन को कार्बन न्यूट्रल (carbon neutral) बनाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्बन मैनेजमेंट प्रोग्राम (carbon management programme) बना रहा है. मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन (Ministry of Civil Aviation) ने 2012-19 के बीच भारतीय एयरलाइनों द्वारा CO2 एमिशन  में 63.5% की बढ़ोतरी का नुमान लगाया. क्लाइमेट चेंज (climate change) को बढ़ावा देने के लिए एविएशन इंडस्ट्री (aviation industry) को पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने की ज़रुरत है. 

यह कार्यक्रम इकोलॉजिकल और सोशल कंसल्टेंसी, ऑरोविले कंसल्टिंग के साथ साझेदारी में लागू किया गया है. इसके ज़रिये नई तकनीकी समाधानों को लागू करके एमिशन कम किया जायेगा और सक्रिय कार्बन ऑफसेट स्ट्रेटेजी के ज़रिये बचे हुए कार्बन को न्यूट्रलाइस किया जायेगा. 

यह निजी विमान कंपनी सस्टेनेबल उड़ान भरकर एविएशन इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव ला रही है. 

ऐसे कई और स्टार्टअप्स  ट्रेडिशनल बिज़नेस तरीकों में बदलाव लाने के साथ ग्रीन और क्लीन भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं. रविवार विचार ऐसे सस्टेनेबल स्टार्टअप्स (sustainable startups) की जानकारी साझा करता रहेगा.

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