इंडियन-अमेरिकन ऑथर, एक्टिविस्ट, एक्ट्रेस, मॉडल, फिलैंथ्रॉपिस्ट, और टेलीविज़न होस्ट- इतना सब कुछ, वो भी एक ही महिला में. किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि रियल लाइफ हीरो की लाइफ जर्नी की बात हो रही है. पद्मा लक्ष्मी (Padma Lakshmi) सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर नाम बन चुकी है.
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Feminism पर करतीं है खुल कर बात
शायद दुनिया की सबसे बड़ी feminists में से है पद्मा लक्ष्मी. कुछ समय पहले पद्मा ने अपने एक इंटरव्यू (Padma Lakshmi interview on feminism) में कहा था- "वह पूरी तरह से एक फेमिनिस्ट है और वह कभी भी "किसी ऐसे व्यक्ति को डेट नहीं करेगी जो खुद को फेमिनिस्ट नहीं मानता, ईमानदारी से कहूं तो."
अपनी हर बात को सब के सामने खुलकर रखती है पद्मा लक्ष्मी. जब चार साल की थी, तब अपनी मां के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गयी थी. उनकी मां एक सिंगल मदर थी और बचपन से ही उन्होंने अपनी मां के साथ सब कुछ सीखा. वे कहती है- "मैं वह सब कुछ कर सकती हूं जो एक पुरुष कर सकता है. यंग लड़कियों को यह कहने में कभी भी झिझक महसूस नहीं करनी चाहिए."
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अपनी बेटी के लिए बन चुकी है रियल लाइफ हीरो
वह अपनी विचारों को लेकर बहुत फ्री और ओपन है. अपना पूरा बचपन अपनी मां के साथ गुज़ारा है, तो ज़ाहिर सी बात है वह बेहद स्ट्रांग बन चुकी है. आज वे अपनी बेटी कृष्णा (Padma Lakshmi daughter Krishna) को भी अकेले बड़ा कर रही है और उसकी हर ज़रूरत को पूरा कर रही है.
उन्हें अपनी चॉइसेस के लिए बहुत कुछ बोला जाता है, ट्रोल किया जाता है. पूरी दुनिया में जितना नाम उन्होंने कमाया है उतना बहुत काम लोग कर पाते है, लेकिन फिर भी कई लोग ऐसे भी होते है, जिनसे एक महिला की growth देखी नहीं जाती. तो हर वक़्त कुछ ना कुछ बोलते है जिससे सामने वाले का moral down हो जाए.
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Endometriosis से लड़कर बढ़ी आगे
अपनी शादी (Padma Lakshmi husband) के बाद उन्हें ये पता पड़ा कि उन्हें endometriosis (Padma Lakshmi Illness) है. यह एक severe बीमारी है, जिसमें यूटेरस के बाहर भी सेल ग्रोथ शुरू हो जाती है. प्रेग्नेंसी में परेशानी होने के साथ बॉडी में हॉर्मोनल इम्बैलेंस भी बढ़ जाता है. जब 37 साल कि हुई तब पता चला की इस बिमारी से जूझ रही है.
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अपनी बुक में करी लाइफ जर्नी शेयर
अपनी शादी में भी परेशानियां देख रही थी, लेकिन फिर भी हार मानने का कभी नहीं सोचा उन्होंने. डायवोर्स का रास्ता चुना ताकि खुश रहे सकें और अपनी बेटी को भी खुश रख सकें. पद्मा लक्ष्मी ने अपनी किताब (Padma Lakshmi Book) Love, Loss, and What We Ate: A Memoir में अपनी ज़िंदगी के परेशानी भरे moments को भी describe किया है.
अपनी बेटी को हर तरह के ट्रोल्स से बचातीं है पद्मा. वे जानती है कि लोग उन्हें क्या क्या कहते है. पद्मा बस कभी भी अपनी बेटी को इन सब बातों से अकेले लड़ने नहीं देती. एक छोटी सी बच्ची पर इन सब बातों का बहुत negative असर पड़ता है, ये जानती है वे.
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पद्मा है वर्ल्ड के टॉप शेफ्स में से एक
इन सभी के साथ अपनी ज़िंदगी की हर परेशानी को भूल जाती है पद्मा जब भी खाना बना रहीं होती है या खा रही होती है. एक भारतीय होने के नाते उनका पसंदीदा काम है खाने के बारे में बात करना, पकाना और खाना. वे बताती है- "Seattle में pacific science center के एक शोधकर्ता ने मुझे बताया कि मैं अलग-अलग बारीकियों और स्वादों को चुन सकती हूं जिन्हें औसत व्यक्ति पहचान नहीं सकता."
वह एक बहुत बड़ी foodie है और इसी के साथ अपनी सेहत का भी उतना ही ख़्याल रखती है. पद्मा लक्ष्मी आज की हर महिला के लिए बहुत बड़ी इंस्पिरेशन है. वह international level पर ये साबित कर रही है कि एक महिला चाहे तो कुछ भी कर सकती है.