अनोखे महिला किरदार है विशाल भरद्वाज की फिल्मों के
एक ऐसे निदेशक जो अपनी फिल्मों में एक अलग ही दुनिया तैयार कर देते है. अपने पर्फेकशन और स्ट्रांग महिला किरदारों के लिए जाने जाते है बॉलीवुड में. विशाल भरद्वाज, बॉलीवुड को सबसे बेहतरीन और अनोखे महिला किरदार देने के लिए जाने जाते है. मकबूल से लेकर पटाखा तक, अपनी फिल्मों में महिलाओं को दिखाया है मेल डोमिनेंट दुनिया में उनसे ज़्यादा स्ट्रांग और पावरफुल.
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जिस एरा में हर निदेशक महिलाओं को एक सिर्फ ग्लेमर का पार्ट समझते थे, विशाल भारद्वाज की फिल्म मकबूल आई. इन फिल्म में निम्मी का किरदार एक काम्प्लेक्स महिला का दिखाया है, जो जानती थी कि उसे क्या चाहिए. 'जान बोलो' तब्बू का इरफ़ान खान के साथ वाला यह सीन उसकी कॉमप्लेक्ससिटी दिखाने के लिए परफेक्ट है.
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इश्क़िया में विद्या बालन का कैरेक्टर कृष्णा दोनों मेल कैरेक्टर पर भारी पड़ा. फिल्म में अपनी इच्छाओं को कैसे भी पूरा करना था कृष्णा का एम! भले ही कृष्णा सोसाइटी के रूल्स के हिसाब से बिलकुल भी पोट्रे नहीं की गयी हो, लेकिन उसी में इस कैरक्टर की ब्यूटी छिपी है.
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कमीने मूवी में प्रियंका चोपड़ा का किरदार स्वीटी अपनी बात मनवाने के लिए झूठ भी बोलती है, जो कि असल ज़िन्दगी में सब किया करते है. उसका फ़ायरी और फीयर्सी नेचर ही था उस फिल्म की जान. एक गैंस्टर की बहन होने के बावज़ूद अपनी इच्छा को पूरा करने की हिम्मत थी स्वीटी में.
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वही सात खून माफ़ में सुज़ैन का किरदार अपने पति की गलतियों क माफ़ करने के बजाय उन्हें खत्म करना प्रेफर करती है. उनका मर्डर कर अपना हक़ जीतती है. भले ही वह किरदार नेगटिव रोल हो, लेकिन उसके प्रति सिम्पैथी फील करी दर्शकों ने.
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हैदर में तब्बू का किरदार गज़ला कहानी में खुद की दुनिया को सुरक्षित रखने के लिए कहानी को अपने हिसाब से मोल्ड करती दिखी है. खुद को प्रायोरिटी पर रखना और आगे बढ़ाना, यह दिखाया है विशाल भरद्वाज के इस कैरेक्टर ने.
विशाल भरद्वाज की मूवीज़ में महिलाओं को मिरर में खुद को देखते हुए बहुत देखा है हमनें. साथ खून माफ़, हैदर, मकबूल, इन फिल्मों में कैरेक्टर्स खुद को देखते हुए अक्सर स्माइल करती है. दर्शाना ये चाहा जाता है, कि खुद पर गर्व है उन्हें. दुनिया के हिसाब से जो सही है, ज़रूरी नहीं कि एक लड़की भी उसी बात को सही समझे और समाज के दिखाए रास्ते को चुपचाप अपना ले. वह जब ठान ले तो खुद के हिसाब से पूरी कहानी पलट सकती है. यह सिखाता है विशाल भारद्वाज का हर एक महिला किरदार.