पर्यावरण सुरक्षा के साथ आस्थाओं के नए गोबर के दीये

इस बार दीवाली पर पर्यावरण सुरक्षा के साथ आस्थाओं के नए दीये रोशन हुए. SHG की महिलाओं ने इस काम में बड़ा योगदान दिया. गोबर से दीये बनाए और डिमांड भी बढ़ाई. कमाई के साथ समूह ने नई पहचान बनाई.

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मथुरा में समूह की महिलाओं ने गोबर के दीये तैयार किए, जो बाद में बिके (Image: Ravivar Vichar)

देश के अधिकांश हिस्सों में सेल्फ हेल्प ग्रुप (Self Help Group) की महिलाओं की ख़ास चर्चा है. महापर्व दीवाली (Diwali) पर समूह की महिलाओं ने गोबर के दीये (Cowdung Diya) बनाए. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) ने SHG की महिलाओं का साथ दिया. आखिर इस बार गोबर (Cowdung) के दीये लोगों ने पसंद किए.
जिस गोबर से सिर्फ कंडे बनाने तक महिलाएं सिमित थीं, आज वह कई आइटम्स बना कर अपने को आर्थिक मजबूत कर रहीं.       

डिज़ाइन के साथ महिलाओं ने बनाए आकर्षक 

मध्य प्रदेश (MP) के कई जिलों पन्ना, ग्वालियर, दतिया, बुरहानपुर सहित कई जिलों में गोबर के दीये Self  Help Group की महिलाओं ने गोबर के दीये और अन्य आइटम्स बनाए. 
छत्तीसगढ़ (CG) के गोठान परिसरों (Gothan Campus) में भी समूह (SHG)की महिलाओं की चहल-पहल बनी रही. दीवाली त्यौहार पर गोबर के दीये बना कर बेचे. यह इस बार बहुत अधिक सफल रहा. दंतेवाड़ा से लगाकर सूरजपुर और कोरिया और दूसरे जिले में SHG से जुड़ी महिलाओं ने गोबर का पूरा उपयोग किया.

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पन्ना में महिलाओं द्वारा दीये तैयार किए, जिसे ग्राहकों में रिस्पॉन्स मिला (Image: Ravivar Vichar)   

समूह की महिलाओं के कहना है- "गोबर हमने 2 रुपए किलो में ख़रीदा भी और कुछ साथियों ने बेचा. गोठान में ही दीये तैयार कर प्रचार किया.  आजीविका मिशन बिहान (Ajeevika Mission Bihan)के अधिकारियों ने पूरा गाइड किया. इससे अच्छी कमाई हुई." 
पन्ना जिले के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) प्रमोद शुक्ला (Pramod Shukla) कहते हैं- "इको फ्रेंडली दीयों को तैयार कर महिलाओं ने समाज में बड़ा योगदान दिया."   

उत्तरप्रदेश- राजस्थान में गोबर दीयों की धूम

सबसे ज्यादा सफल प्रदेशों में उत्तर प्रदेश और राजस्थान भी रहा. पर्यावरण (Envionrment) को लेकर स्वयं सहायता समूह (Self Help Group)की महिलाओं ने गोबर की दीये बना कर बेचे.
उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) में समूह की महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई. मथुरा के जिला मिशन मैनेजर (DMM) सत्येंद्र अनुरागी (Satyendra Anuragi) बताते है- "महिलाओं को रोजगार के साथ सामाजिक दायित्व भी समझाया गया. यहां गोबर से बने दीयों को ग्राहकों में अच्छा रिस्पॉन्स मिला."

गोरखपुर (Gorakhpur) में भी SHG की महिलाओं ने गोबर के हवन कप (Havan Cup) और दीये (Diya) बनाए. समाजिक संगठन की संगीता पांडेय (Sangeeta Pandey) बताती हैं- "यह नई पहल आगे और जगह बनाएगी. महिलाओं में भी बहुत उत्साह है."

राजस्थान (Rajsthan) के कई जिलों में गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने साबित कर दिया कि वे सामाजिक दायित्व भी रोजगार के साथ निभा सकती है. जयपुर (Jaipur) के पास बनी गौशाला में भी इस बार बड़ी संख्या में गोबर के दीये बनाए. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) अनुपमा सक्सेना (Anupma Saxena) ने बताया- "राजस्थान में गोबर के दीये खरीदने में लोगों ने काफी इंट्रेस्ट दिखाया. महिलाओं की अच्छी कमाई हुई. अपने रोजगार के साथ दीवाली पर महिलाओं की आर्थिक मजबूती भी बनी."                      

देश में स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) और आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के अधिकारियों ने गोबर के दीये की ट्रेनिंग देकर समूह की महिलाओं  को नए रोजगार के साथ जोड़ा. 

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