ऐसी फ़िल्में अक्सर हमारी चर्चा का विषय बन जाती हैं जिसमें शक्तिशाली महिला किरदार (movies with strong female characters) सामाजिक भेदभावों से लड़ते हुए अपनी पहचान बनातीं हैं. परदे के पीछे रहकर ऐसी फिल्मों को बनाने वाली महिलाओं के बारे में जानना भी ज़रूरी है, जो ऐसे शक्तिशाली किरदारों की कहानियां लिखती हैं और उनमें जान डालती है. ऐसी ही एक प्रभावशाली शख्सियत है शमा ज़ैदी (Shama Zaidi, Screen writer Costume Designer).
Image Credits: NETTV4U
श्याम बेनेगल (Director Shyam Benegal) की लंबे समय तक सहयोगी रही, ज़ैदी ने बेनेगल के सिनेमा को महिलाओं के प्रति संवेदना से भरा नज़रिया दिया. उन्होंने एम एस सथ्यू (M.S. Sathyu) की फिल्म गर्म हवा की पटकथा लिखने के लिए इस्मत चुगताई और कैफ़ी आज़मी का सहयोग किया था. ज़ैदी ने 'गर्म हवा', 'उमराव जान' और 'मंथन' जैसी फेमस फिल्मों में कला निर्देशन से लेकर पटकथा लेखन तक काम किया है. वह बहादुर लेखिका थीं जिन्होंने स्क्रिप्ट राइटिंग को एक नई दिशा दी और अपने हर काम से इस कला को एक कदम आगे बढ़ाया. फिल्म 'सूरज का सातवां घोड़ा' के लिए उन्होंने 'रूबिक्स क्यूब' की तरह से पटकथा (screenplay) लिखी. यह काफी दुखद है कि सिनेमा या यहां तक कि बेनेगल की प्रतिष्ठित फिल्मोग्राफी (filmography) की बातचीत में उनके नाम को जगह नहीं मिलती.
Image Credits:Twitter
शमा का दावा- स्पीलबर्ग की 'ईटी द एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल' सत्यजीत रे की स्क्रिप्ट पर आधारित
लेखिका और कॉस्ट्यूम डिजाइनर शमा ज़ैदी ने दावा किया है कि हॉलीवुड फिल्म निर्माता स्टीवन स्पीलबर्ग की साइंस-फिक्शन 'ईटी द एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल' बेहद प्रशंसित भारतीय निर्देशक सत्यजीत रे की लिखी गई स्क्रिप्ट पर आधारित थी.
Image Credits: Daily Times
ज़ैदी ने 1977 की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में रे के साथ कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में काम किया था. उन्होंने फिल्म में संवाद और अनुवाद में भी उनकी सहायता की थी. जैदी ने दावा किया कि सत्यजीत रे ने साइंस फिक्शन हॉलीवुड फिल्म का स्टोरीबोर्ड तैयार किया था जिसे वह बनाना चाहते थे. इसे इस्तेमाल कर दो फिल्में बनाई गई. "ईटी उनकी (रे की) स्क्रिप्ट थी (Steven Spielberg's 'E T the xtra- Terrestrial' based on Satyajit Ray script claims Shama Zaidi). उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट दिखाई थी और दूसरी फिल्म जहां एक व्यक्ति बाहरी अंतरिक्ष से छोटे शहर में आता है जैसा कि 'क्लोज एनकाउंटर्स ऑफ द थर्ड काइंड' में देखा गया. ये दोनों फिल्में रे से प्रेरित थीं. उन्होंने मुझे 70 के दशक में ड्रॉइंग्स दिखाई थी, लेकिन इसे 60 के दशक में बनाया गया.", ज़ैदी ने पीटीआई को बताया.
फिल्म इंडस्ट्री में 'महिला' होने की वजह से किया चुनौतियों का सामना
शमा ज़ैदी बताती है कि फ़िल्मी दुनिया में महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों को अजीब लगता है जब कोई महिला फिल्म डायरेक्ट करना चाहती है. उन्होंने उनके पति सथ्यू की फिल्म गर्म हवा में कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग से लेकर, स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले, और यहां तक कि डायरेक्शन में भी मदद की. उन्होंने महसूस किया कि यदि वो पुरुष होती, तो वो इस तरह अपने पति पर निर्भर नहीं होती और अपनी फिल्म खुद बनातीं (women filmmakers face challenges). कई बार प्रोड्यूसर्स को भी यह लगता कि अगर पत्नी अपने पति की फिल्म पर काम कर रही है, तो उसे अलग से पैसे देने की कोई ज़रुरत नहीं.
Image Credits: Open Megazine
शमा ज़ैदी का काम कला के लिए उनकी ईमानदारी और प्रेम का सबूत है. उन्होंने फ़िल्मी जगत में महिलाओं के काम की अहमियत और उनके अलग नज़रिये की ज़रुरत को समझाया. उनकी कहानियों ने लेखकों की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और आगे भी करती रहेंगी!