2024 के चुनाव (2024 Elections) देश की दिशा और दशा के लिए महत्वपूर्ण है . साथ ही कई मायनों में अद्वितीय भी है, खासकर मतदाता की सोच और संख्या के आधार पर. एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले लोकसभा चुनावों में पिछले दो दशकों में महिला मतदाताओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक होगी. साथ ही 2019 के लोकसभा चुनावों (LokSabha Elections) में 11 राज्यों में पुरुषों की तुलना में महिला मतदान दर अधिक देखी गई. 2024 के आगामी आम चुनावों में महिलाओं की भूमिका और भागीदारी को यह बखूबी प्रदर्शित करता है.
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Quantum Hub की रिपोर्ट में महिला मतदाता की हिस्सेदारी
क्वांटम हब (Quantum Hub), नई दिल्ली स्थित नीति अनुसंधान और परामर्श फर्म है, जिसकी रिपोर्ट से पता चला है कि केरल में पुरुष मतदाताओं की तुलना में सबसे अधिक महिलाएं है, इसके बाद गोवा, मिजोरम, मणिपुर और तमिलनाडु है. इसके विपरीत हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में महिला मतदाताओं (Female Voters) की हिस्सेदारी सबसे कम है.
2024 के चुनावों में महिला मतदाताओं (Female Voters) की हिस्सेदारी भी पिछले दो दशकों में सबसे अधिक 48.6 % है. 1 जनवरी 2024 तक महिला मतदाताओं की कुल संख्या 47.1 करोड़ है. 2019 में, पूर्वोत्तर राज्यों में महिला मतदाताओं के बीच सबसे अधिक मतदान प्रतिशत हुआ, जबकि जम्मू और कश्मीर एकमात्र राज्य था जहां महिलाओं के बीच 50% से कम मतदान हुआ.
2019 के बाद से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में नई महिला मतदाताओं (Female Voters) की संख्या सबसे अधिक बढ़ी है. इस तरह मतदाता के रूप में महिलाएं पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. यह तथ्य सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के चुनावी वादों में भी दिखती है. यह भी पता चला है कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार , 2019 के बाद से सबसे बड़ी संख्या में महिला मतदाताओं को जोड़ा है.
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राजनीतिक भागीदारी की और बढ़ते कदम
2024 में ग्यारह राज्यों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक महिलाएं होंगी, जिनमें केरल 51% के साथ अग्रणी है, इसके बाद गोवा, मिजोरम, मणिपुर और तमिलनाडु है. इस रिपोर्ट ने महिला मतदाताओं के बढ़ते महत्व को उजागर किया है. महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रगति के लिए राजनीतिक भागीदारी और प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों जैसे सेवा और विदेशी क्षेत्रों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व क्रमशः 3.5 % और 11 % पर काफी कम है.
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