कहते है, घर को परिवार बनाने के पीछे एक महिला का हाथ होता है. भले ही एक पुरुष बाहर के काम संभाले, लेकिन उसका घर तब तक व्यवस्थित नहीं हो पता, जब तक महिला हर कमान अपने हाथों में लेती. हर घर की यही कहानी है, चाहे फिर वो बच्चन परिवार ही क्यों न हो. तेजी बच्चन अमिताभ बच्चन और अजिताभ जैसे दिज्जगों की मां, और बच्चन परिवार को इस मुकाम तक पहुंचाने के पीछे का मजबूत स्तंभ. हरिवंश राय बच्चन ने जब अपनी जीवनी दुनिया लिखी तो उन्होंने तेजी और अपने ज़िन्दगी की ऐसी बातें सामने रख दी, जो शायद हमें कभी पता नहीं पड़ती.
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तेजी बच्चन थीं बच्चन परिवार के मजबूत नींव
पंजाब के एक परिवार की लड़की जिसनें कभी सोचा भी नहीं था कि, देश के एक अनजान शहर में किसी से मिलेगी और उसे अपना सब कुछ दे बैठेगी. तेजी बच्चन पहली बार हरिवंश राय से उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में मिली और बस वहीं उन्होंने फैसला कर लिया. इस लव स्टोरी के कारण बरेली शहर भी फेमस हो गया. 'झुमका गिरा रे' गाना भी उन्हीं की लव स्टोरी को दिया गया राजा मेहँदी साहब का एक ट्रिब्यूट है. "मेरा झुमका तो बरेली के बाज़ार में ही गिर गया था," ये शब्द कहे थे, तेजी बच्चन ने हरिवंश राय बच्चन से अपनी पहली मुलाक़ात पर.
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एक स्ट्रांग महिला जिसने इतने बड़े परिवार की नीव को संभाला, जो आजतक उतनी ही हरी भरी है. अगर तेजी बच्चन अमिताभ बच्चन के परिवार का हिस्सा नहीं होती तो शायद आज जो नाम और शौहरत बच्चन परिवार का है, वह ऐसा होता ही नहीं. नियति में मानाने वाली व्यक्ति थीं तेजी, और वह अपने नसीब से ही पंजाबी परिवार से एक अवधी परिवार में आई और सब कुछ बदल दिया.