छोटे शहर में रहने वाली पर बड़े सपने देखने वाली लड़की सीरियल सोशल एंट्रेप्रेन्योर (serial social entrepreneur) बन अपने गांव को नई पहचान देगी किसीने सोचा न था. नूपुर अग्रवाल (Nupur Agarwal) ने गांव से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान दिया और उन्हें दूर करने के लिए इनोवेटिव रास्ते चुनें.
2014 में UK की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने लोगों से जुड़ने के लिए एक अनोखा आंदोलन शुरू किया. देहरादून ड्रम सर्कल (2015) (Dehradun Drum circle) उनका पहला उद्यम था जिसने फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन (freedom of speech and expression) के अधिकार को संगीत, डांस और फोटोग्राफी के ज़रिये समझाया. ड्रम सर्कल राष्ट्रीय आंदोलन (National Movement) बना जिससे 20 हज़ार से ज़्यादा लोग जुड़े. इसके प्रभाव को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने नूपुर को यूथ आइकन के रूप में मान्यता दी.
इवॉल्व फाउंडेशन बना रहा स्मार्ट और सस्टेनेबल गांव
एक साल बाद 2016 में, 'ग्रामीण भारत' में बदलाव की लहर लाने के लिए नूपुर ने इवॉल्व फाउंडेशन (Evolve Foundation) शुरू किया. मिशन था स्मार्ट और सस्टेनेबल गांव (smart sustainable villages) बनाना. इवॉल्व फाउंडेशन रोज़गार के अवसर बढ़ाता है, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास प्रदान करता है, जैविक खेती (organic farming) को बढ़ावा देता है, साथ ही हेल्थ बूट कैम्प्स (Health Boot Camps) भी आयोजित करता है. इवॉल्व से जुड़ हज़ारों ग्रामीणों को रोज़गार मिला और उन्हें शहर की ओर रुख नहीं करना पड़ा. नूपुर की सबसे बड़ी सफ़लता प्लांटेबले स्टेशनरी (plantable stationery) बनाकर सस्टेनेबल कॉटेज इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है. उन्होंने ऐसे पेन, पेंसिल, और कागज़ बनाये जो मिट्टी में उगाए जाने पर पौधे बन जाते हैं.
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KIWI- किसान विंडो से मिल रहा ऑर्गनिक फ़ूड को बढ़ावा
2017 में, सह-संस्थापक अभिनव अलहुवालिया (Abhinav Alhuwalia) के साथ बड़े स्तर पर फेयर ट्रेड (fair trade) और जैविक खेती का एक अनोखा सिस्टम तैयार किया. कीवी (KIWI- Kisan Window) किसान विंडो एक स्वास्थ्य और ऑर्गनिक फ़ूड चैन (organic food chain) है. कीवी के ज़रिये वह न केवल किसानों को बल्कि उपभोक्ताओं को भी सशक्त बना रहे हैं. रिटेल स्टोर के ज़रिये सही दाम में, अच्छी गुणवत्ता वाला ऑर्गनिक फ़ूड उपलब्ध करवाते हैं. उत्पाद बिगबास्केट, अमेज़ॉन, गोकी, क्यूट्रोव जैसे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मिलता है और दूसरे देशों में भी एक्सपोर्ट हो रहा है.
2019 में, नूपुर ने कहानी (Kahani) नाम से एक सप्ताह लंबे प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया, जो दुनिया भर के 200 कलाकारों को गांव में एक साथ लाया. भारतीय कलाकारों और ग्रामीणों के साथ, उन्होंने लोकप्रिय लोक कहानियों को अमर बनाने के लिए गांव की दीवारों को रंगा. इसे बड़े पैमाने पर जर्मनी में बॉश फाउंडेशन का समर्थन मिला.
तकनीक के इस दौर में गांवों को सशक्त (village empowerment) बनाना ज़रूरी है जिससे वह भी हो रहे बदलावों और विकास का हिस्सा बन सकें. इस तरह की पहलों के ज़रिये ग्रामीण समुदायों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी.
ऐसे कई और स्टार्टअप्स ट्रेडिशनल बिज़नेस तरीकों में बदलाव लाने के साथ ग्रीन और क्लीन भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं. रविवार विचार ऐसे सस्टेनेबल स्टार्टअप्स (sustainable startup) की जानकारी साझा करता रहेगा.