बुरहानपुर नर्सरी से महिलाओं को मिली आर्थिक छांव

तीन साल पहले तक घर के कामकाज में उलझी महिलाओं को ऐसा सहारा मिला कि महिलाओं की आर्थिक हालत बदल गए. छोटी सी नर्सरी में तैयार की. और इन महिलाओं को आर्थिक छांव मिल गई.

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बंजर ज़िंदगी से हरी-भरी हुई ज़िंदगी 

बुरहानपुर (Burhanpur) जिले के बसाड़ (Basad) गांव में रहने वाली महिलाओं की कहानी आज आदर्श है. कभी घर के कामकाज में ज़िंदगी के साथ समझौता करने वाली ये महिलाएं आज लाखों का कारोबार कर रहीं. स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ने के बाद इनकी बंज़र ज़िंदगी धीरे- धीरे हरी-भरी हो गई. ओम साईं राम समूह (SHG) की अध्यक्ष रजनी ठाकुर कहती है- "आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) ने हमारा समूह बनवाया. 50 हजार रुपए के लोन से शुरुआत की. नर्सरी में बीज लगा कर पौधे तैयार किए. तीन साल में कई तरह के पौधे बेच कर लगभग नौ लाख रुपए का कारोबार किया."