दया और प्रेम का पाठ पढ़ा, नारीवादी आदर्श बनी Mother Teresa

"शांति की शुरुआत एक मुस्कराहट से होती है" ये शब्द कहने वाली मदर टेरेसा उन लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाइ, जो आंसुओं को अपनी तक़दीर मान चुके थे. उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी बिना भेदभाव किये लोगो के दर्द और दुखों को कम करने में लगादी.

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फेमिनिस्ट आदर्श बनी मदर टेरेसा 

उन्हें अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना करनी थी. अनुमति लेने के लिए, सफ़ेद साड़ी पहने, आत्मविश्वास से भरपूर, वह कैथोलिक चर्च के पुरुषों के सामने खड़ी रही. सफल होने तक वह डटी रहीं. 

मदर टेरेसा समाज के सबसे कमजोर और असहाय लोगों की मदद करती. वंचित समुदायों की महिलाओं को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और सहायता प्रदान करके, उन्होंने उन्हें सशक्त बनाया. वह महिलाओं को अपने कामों में शामिल करती और उनका आत्मविश्वास बढ़ाती. 

एचआईवी/एड्स, लेप्रोसी और टीबी से पीड़ित लोगों के लिए घर, मुफ्त किचन, डिस्पेंसरीज और मोबाइल क्लीनिक खोले. बच्चों और परिवार के लिए परामर्श कार्यक्रम, अनाथालय, और स्कूल भी शुरू किये.