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गूगल मीट में मिशन कार्यों की समीक्षा करती CEO Harshika Singh
हाल ही में State Rural Livelihood mission की एक गूगल मीट चर्चा में है. Women Empowerment के लिए प्रदेश की सबसे बड़ा संस्थान ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) से जुड़े कुछ अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. CEO हर्षिका सिंह ने अपने इरादे काम को लेकर साफ कर दिए. कुछ भी बोगस कागज़ों पर नहीं चलेगा. IAS हर्षिका सिंह अपनी उज्जवल छवि,बेबाक अंदाज़,और साफगोई के लिए ख़ास तेज़तर्रार अफसरों में गिनी जाती हैं.
गांवों में दिखे महिलाओं के चेहरे पर चमक
दरअसल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ली जाने वाली बैठकों और गूगल मीट कोई नई बात नहीं. लेकिन हर्षिका सिंह ने यह मीटिंग उन हालातों में ली जब लगातार उन्हें कुछ ज़िलों से फीडबैक में ख़ास परिणाम नज़र नहीं आ रहे थे.
जिस महिला सशक्तिकरण पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार की छोड़िए खुद Prime Minister Narendra Modi मॉनिटरिंग कर रहे हों वहां कोई भी सीनियर ऑफिसर कैसे लापरवाही बर्दाश्त कर सकता है.
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इस मीट में सीईओ हर्षिका सिंह ने एक के बाद एक जैसे ही सवाल किए जिला स्तर पर बैठे कई मिशन के DPM सहित अन्य अधिकारी बगले झांकने लगे.
आधी अधूरी रिपोर्ट, ग्रामीण इलाकों में चल रहे SHG, Village Organization,CLF जैसी इकाइयों में न नेतृत्व परिवर्तन हुए न ख़ास कोई प्रोग्रेस.
CEO सिंह ने कहा-" यह शुरुआत है.संभागीय स्तर पर भी समीक्षा होगी. सामुदायिक संस्थानों में हर सदस्य को नेतृत्व का मौका मिलना चाहिए.महिलाओं को प्रोत्साहन और गतिविधियां सुचारु रूप से चलना चाहिए. आर्थिक अनियमिता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी."
हर्षिका सिंह ने ज़मीनी हकीकत पर काम किए जाने पर ज़ोर दिया. हाल ही में भोपाल हाट बाजार में आजीविका फ्रेश मेला सफल रहा था.
सशक्तिकरण पर दिखे सबक, ब्लॉक पर दिखेगा 'सार्थक'
मीट यूहीं खत्म न हुई. ऑफिशियल पोर्टल पर ट्रांजेक्शन इंट्री न होने, महिला किसानों की इंट्री दर्ज न होने के कारण 10 से ज्यादा ज़िले के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस थमाए.यही नहीं महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) में सही समय पर जानकारी नहीं दर्ज होने पर भी 16 ज़िले में बैठे मिशन के अधिकारियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए. यहां तक कि सीईओ ने एक ज़िले के DPM का वेतन आहरण तीन माह रोकने के निर्देश भी दे दिए.
ख़ास बात कई जगह से शिकायतों के बाद आदेश दिए गए कि ब्लॉक स्तर पर मिशन अधिकारी 'सार्थक एप्प' के माध्यम से अपनी उपस्थिति देंगे.
चर्चाओं में रहा था प्रदेश का मिशन
प्रदेश में कुछ महीने पहले ग्रामीण आजीविका मिशन के काम और विभिन्न पदों पर भर्तियों में कथित अनियमितता सुर्ख़ियों में रहीं थी. कई जगह दिखाए गए समूह और महिलाओं की समूह गतिविधियां वर्षों से बंद हो जाने के बाद भी दस्तावेजों में दिखाई जाती रही.अब लोन और अन्य फंडिंग पर अब कसावट दिखाई देने लगी.
हालांकि प्रदेश के अभी कुछ ज़िले और अधिकारी ऐसे हैं जहां शासन के मंशानुसार काम करते दिखाई दे रहे.
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CEO Harshika Singh की मिशन पर कसावट के बाद उम्मीद की जा सकती है कि जिन महिलाओं ने मिशन को लेकर जो सपने बुने, उनको योजनाओं का लाभ और वे एक दिन Lakhapti Didi जरूर बनेगी.