उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के तहत शक्ति रसोई, जिसकी शुरुआत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (Uttar Pradesh Women Self Help Groups) को रोजगार का अवसर देने और आजीविका कमाने के लिए किया गया था. महिलाओं के आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार द्वारा शुरू किया गया प्रयास 'शक्ति रसोई' (Shakti Rasoi) महिला स्वयं सहायता समूह के लिए मुसीबत बन गई हैं.
10 घंटे काम के बावजूद SHGs को नहीं हो रहा मुनाफा
सेल्फ हेल्प ग्रुप्स महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और सामाजिक आर्थिक रूप से मजबूत करने के ज़रिये में लाभ में कमी हो रही है. Self Help Group सदस्य ज्योति बताती हैं कि रेट गिरने से अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय के बाहर स्थित दुकानों से चाय और नाश्ता खरीदते हैं. 10 घंटे काम के बावजूद भी 10 रुपए का मुनाफा नहीं हो रहा.
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उत्तर प्रदेश के कुल 16 नगर निगम में लागू की जा रही है. पायलट प्रोजेक्ट बनारस (Banaras) से शुरू किया गया था, और अब प्रयागराज (Prayagraj) में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है. योजनाएं महिलाओं के आत्मनिर्भर, सशक्त और स्वावलंबी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं बस जरुरत है तो समाज और लोगों के साथ की.