पानी प्रबंधन से परफेक्ट हुई महिलाओं की लाइफ

शुद्ध पानी को आधार बनाकर महिलाओं ने अपना रास्ता खुद खोज निकाला.इस पानी के बल पर ये महिलाएं आत्मनिर्भरता की इबारत लिख रहीं. कभी काम की तलाश में भटकने वाली महिलाएं स्वाभिमान से जी रहीं.

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समूह की महिलाएं प्लांट में तैयार पानी की बोतल के साथ Image :Ravivar

छत्तीसगढ़ में रायपुर ज़िले में स्थापित एक water bottling plant ख़ास चर्चा में है. राजधानी के हर महत्वपूर्ण ऑफिस में एक ही ब्रांड का पानी मिल रहा. इस प्लांट को self help group की महिलाएं ही संचालित कर रहीं. समूह की ये महिलाएं अब Lakhpati Didi की श्रेणीं में आ गई.

इको फ्रेंडली प्लांट से संवर रही ज़िंदगी 

रायपुर जिले के अभनपुर ब्लॉक स्थित पचेड़ा गांव का 'झरिया' अल्कलाइन वॉटर बॉटलिंग प्लांट पर्यावरणीय संतुलन की मिसाल बन गया.इस प्लांट में इको फ्रेंडली सिस्टम को अपनाया गया. 
यहां काम करने वाली ऊषा बारले कहती है-"पहले हम काम की तलाश में इधर-उधर भटकते थे, अब गांव में ही रोजगार मिला है.मुझे ख़ुशी है सरकार हमारी मदद कर रही.अब घर चलाने में सक्षम हूं."
इस प्लांट को शारदा स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं संचालित कर रहीं.

 

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पानी फ़िल्टर करने के लिए मशीन ऑपरेट करती हुई सदस्य Image :Ravivar

इसी प्लांट में काम करने वाली नंदकुमारी बताती हैं- "पहले मजदूरी करते थे, काम कभी मिलता था, कभी नहीं. अब अपने गांव में ही सम्मानजनक काम मिल रहा और परिवार का जीवन पहले से बेहतर हुआ है."
Ajeevika Mission Bihan के DPM Vikram Singh Lodhi बताते हैं- "5 हजार बोतल पानी बनाने वाले इस प्लांट से अब मंत्रालय, जंगल सफारी, आईआईआईटी, एनआरडीए, पर्यावास भवन में भी पानी की बोतलें सप्लाई की जाने लगी.जिससे विभागों में भी शुद्ध पीने का पानी मिलने के साथ समूह सदस्यों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई."   
यह प्लांट नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRDA) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के संयुक्त प्रयास से स्थापित किया गया. 

अल्कलाइन टेस्ट के बाद बॉटलिंग 

खास बात यह है कि इस प्लांट में अल्कलाइन वाटर बेलेंस रखने के लिए लगातार टेस्ट किया जाता.पानी के शुद्ध मानक pH 8.5 रखा जाता है. इस प्रक्रिया से स्वास्थ्य सुधार और संक्रमण से बच रहे हैं. 
समूह की उषा कहती है-"पानी टेस्ट के बाद ही कांच की बोतलों में भरा जाता है.ये बोतलें खाली होने पर वापस ले ली जाती है.इससे बोतलों को पुनः साफ कर उपयोग में लाई जाती है." प्लांट में 500 ml पानी की बोतल तैयार की जाती है. 

 

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अधिकारियों की बैठक में निर्धारित प्लांट का पानी उपयोग करते हुए Image :Ravivar

इस प्लांट को मिसाल बनाया गया. कलेक्टर गौरव सिंह कहते हैं-"प्लांट के कारण जहां Women Empowerment को बढ़ावा मिला,वहीं लोगों को शुद्ध पानी भी मिलने लगा.कर्मचारियों और अधिकारियों की हेल्थ का ध्यान रखा जा रहा."
छत्तीसगढ़ में Bihan के माध्यम से self help group को और अधिक मजबूत किया जा रहा. 

SHG self help group Ajeevika Mission Bihan