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बचपन से ही बहादुर और दबंग सुभद्राकुमारी चौहान के लेख भी उनकी तरह स्पष्ट होते. खड़ी बोली में लिखी उनकी कहानियों और कविताओं ने लोगों को आज़ादी का हक़ मांगने के लिए प्रेरित किया.
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