Uttar Pradesh के Mau में Self Help Group की महिलाओं ने Small Industry in UP के रूप में आंवला का मुरब्बा बनाना शुरू किया. इस काम में कुछ समय में ही समूह को कामयाबी मिलने लगी.
Healthy Amla Murbba की बढ़ रही demand
Mau के गांव इंदरपुर भलया के मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह इन दिनों amla murabba बनाने में व्यस्त है. समूह की प्रेमा सिंह बताती है- "साल 2021 में हमने समूह बनाया. इसमें शामिल 10 महिलाओं के साथ हमने मुरब्बा बनाना शुरू किया. हर हफ्ते सीज़न में हम एक क्विंटल AMLA MURABBA तैयार कर लेते हैं. यह आंवला मुरब्बा पूरी तरह शुद्ध और Healthy होने से demand बहुत ज्यादा है. मुरब्बा पैक कर लोकल मार्केट में बेचते हैं."
2 घंटे रोज़ काम और 4 हजार रुपए की इनकम
समूह को इस काम में बहुत फायदा होने लगा. जंगलों से आंवला मिल जाने से सस्ता पड़ता है. SHG in UP की प्रेमा सिंह कहती है- "सदस्यों को रोज़ 2 घंटे काम करना होता है.इस प्रोडक्ट से समूह के हर सदस्य को लगभग 4 हजार रुपए महीने की कमाई हो जाती है. बाज़ार में जो आंवला मुरब्बा 200 रुपए किलो बिक रहा,उससे अच्छे क्वालिटी का हमारा समूह 160 रुपए किलो बाज़ार में लोगों को उपलब्ध करवा रहा."
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Ajeevika Mission का यह समूह Prime Minister Narendra Modi की small industry schemes से बहुत प्रभावित है.
कई बिमारियों के लिए रामबाण दवा आंवला
शीतकाल में AMLA PRODUCTION की भरमार रहती है. AYURVED में इसे रामबाण दवा का दर्जा दिया. इसको खाने के उपयोग में लाने के लिए इसीलिए मुरब्बा और आचार का विकल्प लिया जाता है.
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Dr. Shweta Jain बताती हैं- "आंवला हमारी प्रकृति का बड़ा उपहार है. इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन C ,आयरन, फोलिक एसिड पाया जाता है. यह एंटीऑक्सीडेंट होता है. आंवला खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल , ब्लड को शुद्ध करने के साथ पाचन संतुलन और चेहरे पर ग्लो भी बनाए रखता है."
कई बड़े ब्रांड्स की कंपनियां भी Self Help Group की महिलाओं से ही products खरीद कर promote कर रही.