MP के Neemuch जिले के Jawad block अंतर्गत सुवाखेड़ा गांव की विमला प्रजापत ने self help group से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार लिया.संतरे की खेती के साथ कई महिलाओं को समूह से जोड़ा.
संतरे के business में बनाई इलाके में पहचान
नीमच जिले के सुवाखेड़ा यूं तो पत्थरों के कारोबार के लिए जाना जाता है.ऐसे में यहां रहने वाली विमला प्रजापत ने बिना ज़मीन के कारोबार शुरू किया और Orange Farming में लाखों रुपए की कमाई बढ़ा ली.
जय सांवलिया महिला समूह की विमला प्रजापत बताती है-"हमारे पास घर की कोई ज़मीन नहीं है.दूसरे लोगों के संतरे के खेत ठेके पर लेना शुरू किया.लेकिन पैसे के आभाव में फायदा नहीं हुआ.SHG बनाने के बाद लोन लिया.पहली बार में 1 लाख रुपए खर्च किए और बाद में CCL से 3 लाख का लोन समूह से लिया.हमें संतरे के बगीचे में 1 लाख की कमाई हुई."
बगीचे में संतरे के फलों की इस तरह आती है बहार (Image: Ravivar vichar)
विमला के पति महेश प्रजापत भी साथ में सहयोग देते.ख़ास बात यह है कि बगीचों में संतरे का उत्पादन ज्यादा होने के कारण विमला अब दूसरी महिलाओं को भी रोजगार देने लगी.
जिले में महिलाओं को दिलाए डेढ़ करोड़ के लोन
नीमच जिले में विमला की गिनती ख़ास समूह के रूप में होने लगी.संतरे की खेती के साथ विमला ने पढ़ाई जारी रखी.B.A.और डीएलएड तक पढ़ कर बैंक सखी बनी.
विमला आगे बताती है-"मैंने Bank Sakhi बन कर 6 गांव की महिलाओं को SHG से जोड़ा.हमारे सुवाखेड़ा में ही 6 समूह में महिलाएं जुड़ गईं.मैं अब तक जरुरतमंद समूह और महिलाओं को अब तक डेढ़ करोड़ के लोन स्वीकृत करवा चुकी हूं.साथ जिले में 10 लाख का सबसे बड़ा लोन लेकर भी रिकॉर्ड बनाया."
विमला Bank Sakhi के रूप में और अधिक समूह को लोन दिलवाने में जुटी हुई है.
बैंक सखी के रूप में सेवाएं देती विमला अन्य महिलाओं के साथ (Image: Ravivar vichar)
Jawad Block के Block Manager (BM) Vijay Soni कहते हैं-"समूह की विमला ने साबित कर दिया कि खुद की ज़मीन न होने के बाद भी ठेके से बगीचे लेकर मुनाफा कमाया.बैंक सखी के रूप में भी समूह को सबसे ज्यादा लोन दिलवाए और खाते खुलवाए."विमला प्रजापत को बैंक संस्थान ने कियोस्क सेंटर खोलने का भी ऑफर दे चुकी है.यहां तक कि जिले के कलेक्टर DM IAS Dinesh Jain भी women empowerment पर ख़ास ध्यान दे रहे और समूह को प्रोत्साहित कर रहे.