मथुरा में महिलाओं ने किए तैयार हर्बल रंग, लोगों ने उड़ाए गुलाल

मथुरा में महिलाओं द्वारा तैयार हर्बल रंग और खुशबूदार गुलाल उड़ाए गए. महिलाओं ने इस काम में बड़ी कमाई की. SHG की महिलाओं ने इन रंगों के लिए ट्रेनिंग ली और प्राकृतिक चीज़ों का उपयोग किया. जिले के अधिकांश हिस्सों में यही रंग और गुलाल बिके.     

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विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव
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मथुरा जिले में हर्बल कलर्स बनती समूह की महिलाएं (Image: Ravivar Vichar)

UP के Mthura जिले में self help group की महिलाओं ने पिछले साल से शुरू किया रंगों को बनाने का कारोबार इस बार और अधिक बढ़िया रहा.महिलाओं के द्वारा तैयार ऐसे herbal gulal और herbal colors की जबरदस्त डिमांड रही. इस कारोबार से समूह की महिलाओं की ज़िंदगी भी कलरफुल हो गई.

170 से अधिक SHG महिलाओं को मिला रोजगार 

Mathura जिले SHG से जुड़ी 170 से ज्यादा महिलाओं को इस बार रोजगार मिला.महिलाओं ने अपने परिवार और दूसरे लोगों की मदद से यह herbal gulal और colors बेचे. बाटी गांव की समूह से जुड़ी पूजा, शकुंतला और नैना देवी बताती हैं-"शुरुआत में हमारे पास काम नहीं था.समूह से जुड़ने के बाद हमने हर्बल कलर्स और गुलाल बनाने की ट्रेनिंग ली. इस बार हमने 5 क्विंटल हर्बल गुलाल तैयार क्र बेचा.इस साल 180 से लगभग 200 रुपए किलो यह रंग बिके."

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समूह की महिलाएं  कलर बनाने के लिए  चुकंदर  और  पालक का उपयोग  करते हुए   (Image: Ravivar Vichar)         

मथुरा जिले में सभी 10 ब्लॉक के गांव-गांव में यह रंग बेचे. खुशीखुर्द की पूजा ने भी अपनी टीम के साथ 5 क्विंटल हर्बल रंग तैयार किया. 

जिले के अडिंग गांव के ब्रजनारी SHG की जुली देवी बताती है-"हमने पिछले साल रंग और गुलाल बनाए की ट्रेनिंग ली. अरारोट,मक्का स्टार्च, फ़ूड कलर से यह रंग बनाए. कलर के लिए हमने चुकंदर और पालक को शामिल किया. हमने इस साल 17 महिलाओं की टीम के साथ 3 क्विंटल हर्बल गुलाल बना कर बेचा."

SHG महिलाओं ने बढ़ाई मथुरा के herbal gulal की marketing 

मथुरा की प्रसिद्ध होली के बीच अब यहां महिलाओं ने भी अपनी पहचान बना ली barsana,vrindavan जैसे गांव हों या nandgaon जैसे दूसरे और 10 ब्लॉक में भी अब  herbal gulal का चलन बढ़ गया.self helf group की महिलाओं और उनकी टीम ने मार्केटिंग कर herbal colors की डिमांड बढ़ा दी.

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ट्रेनिंग के दौरान समूह की सदस्य (Image: Ravivar Vichar)         

Ajeevika Mission ने जिले में ek soch foundation जैसी  सामाजिक संस्था के मदद से training आयोजित की.इसमें Self Help Group की महिलाओं को Herbal Gulal और Colors बनाना सिखाया. इस NGO से जुड़े Shiv Prakash बताते हैं-"हमने जिले में समूह की लगभग 200 महिलाओं को यह ट्रेनिंग दी. इससे महिलाओं ने मक्का के स्टार्च,अरारोट मीठा रंग के साथ चुकंदर और पालक की मदद से कलर बनाना सिखाया."

आत्मनिर्भर बनने में इन महिलाओं को इस कारोबार से बहुत मदद मिली.

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स्टॉल्स पर रखे गए हर्बल कलर्स और गुलाल (Image: Ravivar Vichar)         

Ajeevika Mission District Project Manager (DPM) Satyendra Sisodiya कहते हैं-"इस साल होली पर समूह की महिलाओं को हर्बल कलर्स में अच्छी कमाई हुई.तैयार किया रंग लगभग पूरा बिक चुका है. इसकी पैकेजिंग से बेचने में सुविधा हुई."इस पूरे मिशन में NRLM Deputy Commissioner Dushayant Kumar Singh के गाइडेंस से SHG की महिलाओं में कॉन्फिडेंस बढ़ा.

 

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