छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सारंगगढ़ (Sarngarh) के छिंद (Chhind) में Self Help Group की महिलाओं को रीपा (RIPA) योजना का लाभ देकर नया रोजगार शासन ने दिया. यहां महिलाओं का समूह बेकरी आइटम्स (Bakery Items) बना कर कारोबार कर रहीं.
खुशबू के साथ फ़ैल रहा बेकरी कारोबार
शासन ने छिंद (Chhind) में बेकरी यूनिट (Bakery Unit) लगाने के लिए दिशा आदर्श स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) को सुविधा दी. समूह ने यह बेकरी यूनिट अप्रैल माह में शुरू की. समूह (SHG) की अध्यक्ष चन्द्रकला रात्रे ने बताया - "इस रीपा यूनिट से 12 महिलाओं को रोजगार मिला. हमारी मेहनत अब रंग ला रही. बेकरी की खुशबू जैसे-जैसे फेल रही वैसे- वैसे गांवों में बेकरी के स्वाद को पसंद करने वाले बढ़ रहे हैं. अब हमारी अच्छी कमाई होने लगी."
इस बेकरी में कई प्रकार के बिस्किट, केक, ब्रेड आदि आइटम्स बने जा रहे. इन्हे आसपास गांव के व्यापरी भी थोक में खरीद रहे हैं.
छिंद में बेकरी यूनिट का वार्मर (Images: Ravivar Vichar)
15 लाख किश्तों में10 साल की सहूलियत
शासन ने SHG की महिलाओं की सुविधा का भी ध्यान रखा. सारंगढ़ (Sarngarh) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM incharge) संदीप तंबोली बताते हैं- " रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (RIPA) की यह योजना कारगर रही. इस यूनिट में उपयोग आने वाली मशीनों के लिए शासन ने 15 लाख की मदद की. कच्चा माल खरीदने के लिए अलग से एक लाख रुपए भी दिए. खास बात इस राशि को चुकाने के लिए शासन ने समूह को दस साल का समय दिया."
जिससे समूह की महिलाएं पहले अपने आप को स्थापित कर लें.
छिंद में बनी बेकरी यूनिट में काम करती हुईं समूह सदस्य (Images: Ravivar Vichar)
सतत मॉनिटरिंग से बढ़ा प्रोडक्शन
समूह ने बेकरी के लिए सांचा की खरीदी डेढ़ लाख में की. जरुरी पॉलीथीन खरीदी 75 हजार में कर ली. इस जिले प्रोजेक्ट डायरेक्टर (PD) हरिशंकर चौहान लगातार मॉनिटरिंग कर रहे जिससे समूह को परेशानी न आए. यही नहीं कलेक्टर (DM) डॉ.फरिहा आलम सिद्दीकी (Dr.Pariha Alam Siddique) खुद ने महिलाओं को इस यूनिट को चलने के लिए हौसला दिया. यही वजह समूह की महिलाओं ने केवल एक साल में अपनी पहचान बना ली.
छिंद (Chhind) के आसपास के गांव सहित दूरदराज क्षेत्रों के व्यापारीगण इस बेकरी यूनिट का उत्पाद खरीद रहे हैं और सारंगढ़ (Sarngarh) के सारबिला सी-मार्ट (C-Mart) में भी उत्पादन को बिक्री के लिए भेजा जाता है।