उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में कृषि (Agriculture) के साथ उद्यानिकी (Horticulture)के मामले में एक नया कदम रखने जा रहा. इस राज्य में इज़राइली टेक्निक (Israeli Technique) से तैयार हो रही हाईटेक नर्सरी (Hi Tech Nursery) के जरिए स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) को रोजगार के अवसर दिए जाएंगे.
9 जिलों में ही खर्च होंगे 7 करोड़
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उप मुख्यमंत्री (Dy.Chief Minister) केशव प्रसाद मौर्य (Kaishav Prasad Maurya) ने कहा- "यूपी में स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को और अधिक आर्थिक मजबूती देने के लिए नर्सरी प्रोजेक्ट लागू किया. यहां तक कि नौ जिलों बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, बरेली, बागपत, मेरठ, महोबा, बहराइच, वाराणसी, बलरामपुर में हाईटेक नर्सरी (Hi Tech Nursery) लगाने के लिए सात करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है. और कुछ ब्लॉक्स में नर्सरी तैयार हो चुकीं है."
बुलंदशहर के हाईटेक नर्सरी जिसकी देखभाल SHG करेंगी(Image: Ravivar Vichar)
यह सभी नर्सरियां, मनरेगा (MGNREGA) के तहत लोगों को जॉब देकर तैयार करवाईं गई. प्रदेश के 32 जिलों की 40 साइटों पर हाईटेक नर्सरी (Hi Tech Nursery) बनाने का काम किया जा रहा है. ये सभी नर्सरियों को तैयार करने में आगे भी मनरेगा (MGNREGA) के जरिए ही लोगों को काम देने का निर्णय लिया गया.
बुलंदशहर में संभाला समूह ने काम
प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr) जिले के दानपुर (Danpur) और खुर्जा ब्लॉक (Khurja Block) में नर्सरियां बन कर तैयार हो गईं. बुलंदशहर (Bulandshahr) के जिला मिशन मैनेजर (DMM) मनीष कुमार जैन (Manish Kumar Jain) ने बयाया- "यहां के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं काम करने के लिए बहुत उत्साहित हैं. इज़ारली पद्धति से तैयार नर्सरी में समूह को कुल आमदनी का 80 % हिस्सा मिलेगा.जबकि 20 % हिस्सा नर्सरी के मेंटेनेंस और मशीनों की देखभाल में खर्च करेंगी."
बुलंदशहर की नरसरी के लिए लगी मशीनें (Image: Ravivar Vichar)
समूह की महिलाओं ने बताया- "हमें बहुत ख़ुशी है कि एक आधुनिक नर्सरी में हमें काम का मौका मिला. हमें कमाई के साथ नई तकनीक से नर्सरी तैयार करने की ट्रेनिंग भी दी गई. हम किसानों को अच्छे किस्म के पौधे उपलब्ध करवाएंगे."
ज्वालामुखी की मिट्टी का होता उपयोग
इज़राइली तकनीक (Israeli Technique) में पौधे उच्च क्वालिटी के तैयार होते हैं. DMM मनीष कुमार जैन (Manish Kumar Jain) ने आगे बताया- "इस तकनीक में ज्वालामुखी (Volcano) से निकली मिट्टी का प्रयोग होता है.इस कारण बीज रोगमुक्त होने से पौधे उच्च क्वालिटी के तैयार होते हैं. इस तरह उपयोग में लाई गई मिट्टी में प्रतिरोधक शक्ति अधिक होती हैं."
नर्सरियों में महिलाएं किसानों की डिमांड पर बीज और पौधे तैयार करेंगी. इन नर्सरियों में खेती के अलावा मेडिसनल प्लांट (Medicinal Plants) तैयार करेंगी.