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Chhattisgarh के रायपुर (Raipur) में आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (TRTI) और राज्य की जनजातीय महिलाओं को फाउन्डेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी द्वारा ट्रेनिंग दी गई. इस सेमिनार में वनोपज से जुड़ी लघु वनोपज सहकारी समिति,स्वयं सहायता समूह के माध्यम से गांव में वनोपज की खरीदी करवाना, खरीदी हेतु समूह का चयन हेतु मापदंड आदि के बारे में जानकारी दी गई.
संस्थान की संचालक शम्मी आबिदी ने कहा- "जनजातीय महिलाओं महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। इसके लिए कॉन्फिडेंस जरूरी है. वनोपज उत्पादन की मात्रा, गुणवत्ता बढ़ाने, प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग बेहतर होगी तो मार्केटिंग में मदद मिलेगी."
Shammi Abidee (PRO cg)
महिलाओं को एक दूसरे से सीखें और इन्हें समझने के बाद दूसरों को भी जागरूक करने के लिए प्रमोट किया.
ट्रैंगिंग के बाद महिलाओं के साथ अधिकारी (Image Credits : PRO cg)
ट्रेनिंग में महिलाओं को वनोपज से रखने वाली सावधानियां बताई गई. इसमें बताया गया कि वनोपज से self help group की महिलाएं अपनी कमाई बढ़ा सकती हैं.
फाउन्डेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी की संचालक मंजीत कौर ने बताया- "सप्लाई की सीरीज़ को समझना जरूरी है . कैसे संग्रहणकर्ता महिलाएं और समितियां प्रोडक्ट्स की कीमत को बढ़ा सकते हैं."
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य लघु वनोपज संघ के भरत राजपुरोहित ने ट्रेनिंग में हौसला बढ़ाया. राजपुरोहित ने कहा- "वनोपज के स्टोरेज, स्टोरेज का टाइम, स्टोरेज में सावधानी रखनी चाहिए. इससे वनोपज सुरक्षित रहती है."
छत्तीसगढ़ (CG) राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्धारित मापदंड की जानकारी भी दी.
प्रशिक्षण और कार्यशाला में महिलाओं ने छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर दीप प्रज्वलित किया. इस मौके पर ट्रेनिंग के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रशिक्षणार्थियों का हेल्थ चेकअप भी किया. महिलाओं में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को भी समझाया. उन्हें हाइजेनिक साफ-सफाई को लेकर भी टिप्स दी गई.