स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को डिजिटल फाइनेंसियल लिटरेसी (Digital Financial Literacy) देने की यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर, सशक्त और उनकी साक्षरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है. महिलाओं को फाइनेंसियल सेवाओं से जोड़ने, वित्तीय लेनदेन को सरल बनाने और डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके उनके आर्थिक सेल्फ रिलायंस को मजबूत करना है. डिजिटल फाइनेंसियल लिटरेसी के जरिए महिलाओं को डिजिटल बैंकिंग (Digital Banking), ई-वॉलेट (E-Wallet), डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) और फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी (Financial Technology) के बारे में शिक्षा और ट्रेनिंग दी जाएगी.
SHGs को मिल रही फाइनेंसियल हेल्प
महिला समूहों को सरकारी योजनाओं (SHGs Government Yojanas) और बैंको के लाभ, लोन योजनाओं (Loan Schemes), बचत योजनाओं (Saving Schemes) और वित्तीय सेवाओं (Financial Services) की जानकारी दी जाती है. इससे महिला SHG अधिक संचालित और सक्रिय होने के साथ वित्तीय निर्णय लेने में आसानी होती है.
डिजिटल बैंकिंग सिस्टम के लाभ
डिजिटल फाइनेंसियल लिटरेसी के बारे में जानकारी देने के लिए बड़ोदा (Baroda) राजस्थान (Rajasthan) में डूंगरपुर (Dungarpur) के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank) की न्यू कॉलोनी शाखा में डिजिटल वित्तीय साक्षरता चौपाल का आयोजन किया गया. चौपाल में शाखा प्रबंधक राजकुमार कसारा ने लोगों को डिजिटल बैंकिंग सिस्टम के लाभ और साथ में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया.
बैंक फ्रॉड से सावधान
उन्होंने बताया कि किसी भी अनजान को अपने बैंक खाते (Bank Account), एटीएम नंबर (ATM Number), सीवीवी नंबर (CVV Number), आधार नंबर (Aadhar Number), ओटीपी (OTP) आदि की जानकारी न दे. बैंक कभी भी इन जानकारियों को लेने के लिए फोन नहीं करते है, ऐसे जो भी फोन आते है वह फ्रॉड है. चौपाल में सहायक प्रबंधक महेनपाल छिपा ने महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाने के बारे में जानकारी दी.
महिलाएं जब साक्षर, आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो समाज में उनकी स्थानीय और आर्थिक प्रगति बढ़ जाती है. जिससे उनमे और भी आगे बढ़ने की चाह उत्पन्न होती है और इसी चाह को self help group पूरा करने में मदद करते है. Self Help Groups महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) में महत्वपूर्ण योगदान दे रहें है। SHGs भले ही छोटे और अनौपचारिक समूह होते है, पर ये महिलाओं को नए रोजगार के अवसर देते है, जिससे वह समूह की मदद से अलग-अलग व्यवसाय शुरू कर पाती है।