हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)के सिरमौर (Sirmaur) का सबसे चर्चित रेणुका जी (Renukaji) का इंटरनेशनल मेला (International Mela) शुरू हुआ. मां रेणुका जी (Renukaji) और बेटे भगवान परशुराम (God Parshuram) के मिलन के प्रतीक इस मेले में हर साल हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं. इस बार SHG के स्टॉल्स भी लगाए गए.
हजारों लोगों ने चखा SHG प्रोडक्ट्स का स्वाद
गिरी नदी (Giri River) किनारे लगने वाले रेणुका जी मेले में शामिल हजारों लोगों ने स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं द्वारा तैयार फ़ूड आइटम्स ख़रीदे. कई लोगों ने इस प्रोडक्ट्स का स्वाद भी चखा. 22 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष (Vidhan Sabha Adhyaksh) कुलदीप पठानिया (Kuldeep Pathaniya) ने भगवान परशुराम (God Parshuram) की पालकी को कांधा देकर शोभा यात्रा शुरू करवाई. इस मौके पर Self Help Group की महिलाओं ने कई तरह के व्यंजन बना कर स्टाल्स सजाए.
सिरमौर में निकली गई शोभा यात्रा (Image Credit: Social Media)
उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मां रेणुका जी (Renukaji) एवं पुत्र परशुराम (Parshuram) के पारंपरिक मिलन का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय मेला (International Mela) गिरी नदी के तट से शुरू होकर त्रिवेणी संगम तक लगता है.
सांस्कृतिक आयोजनों से बांधा समां
इस मेले में पहले दिन शाम को सूफी गायक रजा हीर, बॉलीवुड गायिका सुजाता मजूमदार और पंजाबी गायक सोनू सुरजीत ने समां बांध दिया. इसी के साथ ट्रेडिशनल पंजाबी भंगडा, हरियाणवी घूमर,राजस्थानी कालबेलिया, उत्तराखंड हरोली जैसी प्रस्तुतियां भी हुईं. इसी क्रम में आयोजन के आखरी दिन SHG की 1500 महिलाएं अपनी प्रस्तुति पहली बार देंगी. इस मेले का समापन राज्यपाल (Governor) शिव प्रताप शुक्ल (Shivprasad Shukal) की मौजूदगी में होगा.
सिरमौर की रेणुका झील (Image Credit: Social Media)
मेले की शुरुआत में यहां जामूकोटी से ददाहु पहुंचने पर भगवान परशुराम की पालकी का सबसे पहले अभिनंदन सिरमौर (Sirmaur) रियासत के शाही परिवार के सदस्य कुंवर अजय सिंह बहादुर ने परंपरागत तरीके से किया. इस आयोजन में कई विदेशी पर्यटक भी शामिल होते हैं. इस मेले में कई तरह की रस्में भी निभाई गई.