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वोट की तराजू में महिलाओं का पलड़ा भारी

अभी तक चाहे महिलाओं को चुनावी समर में बराबरी की सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका न मिला हो, लेकिन वोट की तराजू में महिलाओं का पलड़ा भारी है. खासतौर पर छत्तीसगढ़ में ये महिला वोटर ही सरकार की तकदीर लिखेंगी.

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विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव
12 Oct 2023 12:00 IST

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ELCTION SYMBOLE FEMALE VOTER PIC

वोट करती महिला वोटर (Image Credits: EC) इलेक्शन सिंबल

इस बार चुनाव के रिज़ल्ट किसी भी करवट बैठ सकते हैं. यह कोई ज्योतिषी का अनुमान नहीं बल्कि चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए, वह खुलासा करते हैं. महिलाओं का बढ़ता वोट प्रतिशत (Vote Persentage) और बढ़ती वोटर्स की संख्या ने पार्टियों की नींद उड़ा दी.        

महिलाओं का मूड तय करेगा सरकार का चेहरा 

इस बार महिलाओं का मूड ही सरकार का चेहरा तय करेगा. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में दोनों प्रमुख पार्टी कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. और ऐसे में हर उम्मीदवार की नज़र महिला वोटर पर है. 

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इस बार वोटर्स की संख्या 2 करोड़ 3 लाख है. इनमें 1.01 करोड़ पुरुष वोटर्स तो 1.02 करोड़ महिला वोटर्स हैं. कुल मतदाताओं में से 50.29 फीसदी महिला मतदाता (Female Voters) हैं, जबकि पुरुष मतदाताओं (Male Voters) की संख्या 49.70 प्रतिशत है. इसीलिए पार्टियां भांपने में लगी हैं कि महिलाओं का मूड क्या है! 

 cg map new

Chhattisgarh map (Image Credts: Google Pic)

साइकल से समृद्धि  तक सिर्फ महिला राज

यदि सरकारों की योजनाओं पर न नज़र डालें तो स्वयं सहायता समूह  (Self Help Group), आजीविका मिशन बिहान (Ajeevika Mission Bihan) से लाखों महिलाएं जोड़ीं  गई. सरस्वती साइकल से समृद्धि योजना तक सिर्फ महिला राज है. गौठान (Gauthan), रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (RIPA), सी-मार्ट (C-Mart) , मध्याह्न भोजन (MDM), यूनिफॉर्म सिलाई, वन उपज जैसी योजनाएं लागू हुईं. आचार संहिता के पहले मोटा अनाज (Millets) में कोदो-कुटकी (Kodo-Kutaki), रागी (Ragi) सहित महुआ (Mahua) पर समर्थन मूल्य बढ़ा कर आदिवासी वोटर्स महिलाओं (Tribal Female Voters) को और अधिक फोकस किया.          

पिछले दस साल में भाजपा हो या कांग्रेस की सरकारें, महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का दावा भी किया और योजनाएं भी लांच की. मिलेट्स (Millets) के नाम पर जगह-जगह 'मिलेट्स कैफे' खोले वह भी दीदियों के हक़ में खोले गए. मुफ्त शिक्षा और लोन तक में सुविधा दी गई. 

Election-Commission symbol

इलेक्शन सिंबल (Image Credits: EC)  

बस्तर से बनती है सरकार 

पार्टियों का मानना है कि कोई भी सरकार बस्तर (Bastar) से ही बनती है. अभी तक के वोटिंग पर्सेंटेज पर गौर करें तो मैदानी इलाकों की बजाए पहाड़ों और बस्तर (Bastar) में महिलाओं का वोटिंग में इंट्रेस्ट अधिक देखा गया.इस बार तो महिला मतदाता की संख्या भी ज्यादा है. 

90 में से 53 सीटों में महिला मतदाता पुरुष मतदाओं से ज्यादा हैं. 

भाजपा के जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में अब तक 85 सीटों में से 14 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.नवरात्र तक राजनीतिक पार्टियों और उनके उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन इतना तय है आदिवासी बहुल इस राज्य के नई सरकार Self Help Group की महिलाओं का मन और मत तय करेगा.    

self help group RIPA Gauthan Bastar Chhattisgarh Millets Ajeevika Mission Bihan Male Voters Female Voters C-Mart Vote Persentage
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