भारत आज़ादी के 77 वीं एनिवर्सरी को खास बनाने के लिए भारत सरकार (Indian Government) ने आज़ादी का अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav Of Independence) के अंतर्गत Har Ghar Tiranga अभियान चलाया. जिसमे तिरंगा बनाने से लेकर वितरण करने में लोगों के बीच काफी उत्साह दिखा. इस अभियान में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलग-अलग शहर कानपुर (Kanpur), लखनऊ (Lucknow), मुरादाबाद (Moradabad), आजमगढ़ (Azamgarh) के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने तिरंगा बनाने से लेकर घर-घर पहुंचाने में आगे बढ़कर हिस्सा लिया.
हर घर तिरंगा अभियान से मिला स्वरोजगार
जो महिलाएं अक्सर घर के कामों में ही उलझी रहतीं थी, आज उन्हीं महिलाएं ने हांथ में कैची और सिलाई मशीन लेकर राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) तिरंगा बनाया. Self Help Groups की महिलाएं चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम अपने-अपने घरों में तिरंगा बनाकर न सिर्फ लोगों तक पहुंचाया है, बल्कि समाज में सम्मान भी हासिल किया. समूह की महिलाएं जो पहले से ही सिलाई और कढ़ाई कर रहीं थी, उन्हें तिरंगा बनाने का आर्डर बड़ी संख्या में दिया गया. सरकार द्वारा चलाया गया हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत महिलाओं को स्वरोजगार मिला. इससे उन्हें आर्थिक आज़ादी के साथ व्यक्तिगत स्वतंत्रता भी मिली.
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तिरंगा बना SHGs की आमदनी का जरिया
तिरंगे बनाने के लिए महिला SHGs ने कपड़े खरीदे, जिससे SHG वीमेन को कम समय में ज्यादा आमदनी का जरिया मिला.आजमगढ़ में 614 समूहों की 1600 महिलाओं 78 हज़ार तिरंगे बनाए. वहीं कानपुर में NRLM के तहत बने 272 SHGs ने तिरंगे बनाएं.
देश की आन बान और शान का प्रतिक तिरंगा, आज देश के हर घर की छत पर लहर रहा है और यह मुमकिन हुआ है, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं की वजह से. SHG महिलाओं ने दिन रात एक कर झंडे तैयार किए, उन्हीं की मेहनत का फल है कि, देश के आज हर कोने, हर सड़क, हर गली मोहल्ले और हर शहर में तिरंगा फेहराया जा रहा है.