डिप्लोमेसी की बदौलत आज हमारा देश शान्ति, प्रगति, और समानता के मिशन को ग्लोबल स्टेज पर हासिल कर रहा है. अपनी सूझ-बूझ, दृढ़ निश्चय, और काबिलियत से भारत की महिला डिप्लोमेट्स देश का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रही हैं. महिला IFS ऑफिसर्स (female IFS Officers) की लम्बी लिस्ट में एक अहम नाम है मीरा शंकर (Ambassador Meera Shankar).
Image Credits: Wikipedia
USA में भारत की दूसरी महिला राजदूत थीं Meera Shankar
मीरा शंकर संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में भारत की दूसरी महिला राजदूत थीं, विजया लक्ष्मी नेहरू पंडित पहली थीं. उन्होंने 2009 से 2011 तक USA में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया. 2002 में अतिरिक्त सचिव का पद संभालने के बाद, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली. शंकर दिसंबर 2005 से अप्रैल 2009 तक जर्मनी में भारत की राजदूत रही.
Women's Reservation Bill का किया समर्थन
राजीति में महिलाओं की भागीदारी पर ज़ोर देते हुए उन्होंने विमेंस रिजर्वेशन बिल (Women's Reservation Bill) का समर्थन किया और कहा था. "सभी राजनीतिक दलों को अपने कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधियों को महिलाओं के रूप में चुनना चाहिए." आगे कहा, "हर महिला को इस अधिकार की डिमांड करना चाहिए".
Image Credits: Rediff.com
9 अक्टूबर 1950 को जन्मी शंकर जुलाई 1973 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुई. वह धीरे-धीरे रैंक में ऊपर उठीं और 1985 तक प्रधान मंत्री कार्यालय में निदेशक के रूप में कार्यरत रहीं.
सशक्तिकरण को बताया महिला सुरक्षा की कुंजी
महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की मज़बूत आवाज़ रही मीरा शंकर (about IFS Meera Shankar in Hindi) ने एमएमए महिला प्रबंधकों के सम्मेलन में कहा कि "सशक्तिकरण महिला सुरक्षा की कुंजी है".
मीरा शंकर पहली महिला निदेशक के रूप में आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) के बोर्ड का हिस्सा भी रह चुकी है. 1995 में, उन्होंने भारत की सांस्कृतिक कूटनीति की देखरेख के लिए नई दिल्ली में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की अध्यक्षता की. इसके बाद, विदेश मंत्रालय में, उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SARC) और नेपाल और भूटान के साथ संबंधों से संबंधित दो प्रभागों का नेतृत्व भी किया.
Image Credits: the Mercury News
डिप्लोमेसी के ज़रिये मीरा शंकर ने रूढ़िवादिता की सरहदों को पार कर इंटरनेशनल रिलेशन के नए आयाम हासिल किये. इंटरनेशनल रिलेशन में उनकी भूमिका महिलाओं को IFS की राह चुनने के लिए प्रेरित कर रही है.